डेंगू जैसे लक्षण भी मिल रहे: शिशु विभाग की ओपीडी में इन दिनों करीब 500 से 700 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इसके अलावा इंडोर के मरीजों की संख्या भी करीब 40 से 50 बनी हुई है। इसमें बुखार, जुकाम-खांसी, पसली चलना और निमोनिया व डायरिया के मरीज शामिल हैं। साथ ही हर दिन 5 से 7 मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स कम हो रही है और डेंगू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
छोटे बच्चों में खतरा अधिक: अस्पताल आ रहे निमोनिया के मरीजों में छोटे बच्चों की संख्या अधिक है। चिकित्सकों के अनुसार निमोनिया बैक्टीरिया वायरस अथवा वायरस के संक्रमण की वजह से होने वाली सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। दो साल तक की उम्र के बच्चों में निमोनिया का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में सावधानी जरूरी है।मौसम में बदलाव के कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। यदि बच्चे को बार-बार बुखार चढ़ रहा है अथवा उल्टी दस्त से पीड़ित है, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अस्पताल में पर्याप्त दवाओं के साथ 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों के सेवाएं उपलब्ध हैं।
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