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सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी, पहली बार अपने शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई बाघिन ST-30

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राजस्थान में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी की खबर से वन विभाग के अधिकारियों में खुशी की लहर है। इससे पहले जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में तीन शावकों का जन्म हुआ था। अब अलवर के सरिस्का से भी खुशी आई है। बाघिन एसटी 30 अपने तीन शावकों के साथ घूमती नजर आई। जिसके बाद प्रशासन, वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई।

सरिस्का में बाघों की संख्या बढ़ी
बाघिन एसटी 30 के शावकों के जन्म के बाद इनकी संख्या 41 से बढ़कर 44 हो गई है। इनमें 11 बाघ, 18 बाघिन और 15 शावक शामिल हैं। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए सरिस्का का लगातार विस्तार हो रहा है और सभी वयस्क शावक अलवर शहर के बफर और सदर जोन में घूम रहे हैं और अपनी टेरेटरी बना रहे हैं।

एसटी 30 बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया
सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सरिस्का टाइगर रिजर्व में एसटी 30 बाघिन तीन शावकों के साथ देखी गई है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा की गई नियमित निगरानी गश्त के दौरान इसकी पुष्टि हुई है। यह उपलब्धि पार्क के बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम के कारण हासिल हुई है।

एसटी बाघिन करीब 2 साल बाद पहली बार मां बनी है
डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि ये तीनों शावक करीब दो महीने के लग रहे हैं। तीनों स्वस्थ हैं। एसटी 30 बाघिन को 2023 में रणथंभौर से लाकर टहला रेंज के भगानी क्षेत्र में छोड़ा गया था। करीब 2 साल बाद बाघिन ने पहली बार शावकों को जन्म दिया है। एसटी 30 सरिस्का की बाघ पुनर्स्थापना रणनीति का अहम हिस्सा रही है। और इसकी सफल प्रजनन प्रक्रिया रिजर्व की सुधरती आवासीय स्थिति और प्रभावी प्रबंधन प्रयासों का सकारात्मक संकेत है।

कैमरे के जरिए निगरानी बढ़ाई गई
फिलहाल, टाइगर रिजर्व अथॉरिटी ने कैमरा ट्रैप और ग्राउंड पेट्रोलिंग का उपयोग करके मानवीय हस्तक्षेप को कम करके बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ा दी है।

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