राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वतखोरी के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है। उदयपुर एसीबी टीम ने डूंगरपुर ट्रेजरी कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ऑपरेटर पेंशनभोगी महिला के मृत पति की पेंशन 2.59 लाख रुपये का बकाया जारी करने के बाद उसे बंद करके फिर से शुरू करने की एवज में रिश्वत मांग रहा था। ऑपरेटर डूंगरपुर ट्रेजरी कार्यालय में एक प्लेसमेंट एजेंसी के साथ 3 साल से काम कर रहा था।
बकाया राशि के लिए पेंशन कार्यालय गया था
एसीबी के एडिशनल एसपी अनंत कुमार ने बताया कि परिवादी ने उदयपुर चौकी पर रिश्वत मांगने की रिपोर्ट दी, जिसमें उसने बताया कि वन विभाग उदयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। उसके पिता वन विभाग में पशु रक्षक थे। 17 अगस्त 2017 को पिता की मृत्यु के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। पिता की पेंशन उसकी मां के खाते में आ रही थी। अप्रैल में वह अपनी माँ के साथ अपने पिता की लगभग 2 लाख 59 हज़ार रुपये की पेंशन बकाया राशि पास करवाने पेंशन कार्यालय गया था।
कंप्यूटर ऑपरेटर ने 90 रुपये मांगे
इस पर कंप्यूटर ऑपरेटर गोविंद घाटिया ने बकाया राशि पास करवाने के बदले 90 हज़ार रुपये मांगे। ऑपरेटर बकाया राशि पास करवाने के नाम पर कई बार रिश्वत मांगता रहा, लेकिन रिश्वत न देने पर मई 2025 से उसकी माँ के खाते में पेंशन आनी बंद हो गई। इसके साथ ही वह वापस डूंगरपुर कोषागार कार्यालय आ गया। उसने कंप्यूटर ऑपरेटर से पेंशन बंद होने का कारण पूछा तो ऑपरेटर बकाया राशि मिलने के बाद किश्तों में 90 हज़ार रुपये की मांग करने लगा। कार्यालय आकर उसने कंप्यूटर ऑपरेटर गोविंद घाटिया को 20 हज़ार रुपये रिश्वत के रूप में दिए। कंप्यूटर ऑपरेटर ने रिश्वत की राशि लेकर एक डायरी में रख ली।
शिकायत सत्यापन के बाद ट्रैप कार्रवाई
2 जून को उसकी माँ का जीवन प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। इसके बावजूद पेंशन शुरू नहीं हुई और पेंशन चालू करने के लिए पैसे मांगने लगा। जिस पर एसीबी में शिकायत की गई। शिकायत के सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर एसीबी ने कंप्यूटर ऑपरेटर को ट्रैप करने की कार्रवाई की। जिस पर आज (01 सितंबर) परिवादी रिश्वत के 20 हजार रुपए लेकर कोष कार्यालय पहुंचा।
एसीबी की टीम इशारा मिलते ही कार्यालय पहुंची और कंप्यूटर ऑपरेटर गोविंद घाटिया को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। डायरी में रखे रिश्वत के 20 हजार रुपए भी बरामद कर लिए गए। ऑपरेटर गोविंद घाटिया ने प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से 2013 से 2022 तक सीमलवाड़ा उपकोष कार्यालय में काम किया। फिर बाद में 2022 से वह डूंगरपुर कोष कार्यालय में प्लेसमेंट एजेंसी के साथ काम करने लगा। फिलहाल एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है।
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