नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को उन्हें छह महीने की जमानत देने का आदेश दिया है। अदालत ने यह जमानत मेडिकल आधार पर मंजूर की है। यह पहली बार है जब आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत मिली है।
मामले की सुनवाई कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संगीता शर्मा की खंडपीठ ने की। अदालत ने आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए यह राहत प्रदान की। बताया जा रहा है कि आसाराम की ओर से दाखिल याचिका में उनकी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए इलाज के लिए अस्थायी जमानत की मांग की गई थी।
ज्ञात रहे कि आसाराम को अप्रैल 2018 में नाबालिग से रेप के मामले में जोधपुर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से वह जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। हालांकि, जनवरी 2025 में उन्हें पहली बार मेडिकल कारणों से अंतरिम जमानत (इंटरिम बेल) दी गई थी, जो कुछ समय बाद समाप्त हो गई।
अंतरिम जमानत खत्म होने के बाद आसाराम ने 30 अगस्त 2025 को दोबारा अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उनकी कानूनी टीम ने लंबी अवधि की जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट और मेडिकल दस्तावेजों की समीक्षा की।
रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम की उम्र बढ़ने के साथ कई बीमारियाँ सामने आई हैं, जिनमें हृदय और श्वसन संबंधी समस्याएँ शामिल हैं। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें लंबे समय से इलाज और विशेष निगरानी की आवश्यकता है। इसी आधार पर कोर्ट ने छह महीने की जमानत मंजूर की है ताकि वह आवश्यक चिकित्सा उपचार करवा सकें।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह जमानत केवल चिकित्सा कारणों तक सीमित है, और आसाराम को इस दौरान किसी भी प्रकार की धार्मिक या सार्वजनिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं होगी। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जमानत अवधि पूरी होने के बाद उन्हें फिर से न्यायालय के आदेशानुसार जेल में रिपोर्ट करनी होगी।
गौरतलब है कि आसाराम का मामला देश के सबसे चर्चित यौन शोषण मामलों में से एक रहा है। 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद जोधपुर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। लंबे ट्रायल के बाद अप्रैल 2018 में उन्हें दोषी करार दिया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अब देखना होगा कि छह महीने की यह जमानत अवधि पूरी होने के बाद आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति में क्या सुधार होता है और आगे अदालत उनके स्थायी राहत के अनुरोध पर क्या रुख अपनाती है।
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