भारत की निगाहें एक बार फिर मिस वर्ल्ड के ताज पर हैं। क्योंकि हैदराबाद में 72वें मिस वर्ल्ड के ग्रैंड फिनाले में भारत और कोटा की बेटी नंदिनी गुप्ता सैकड़ों सुंदरियों को पीछे छोड़कर खिताब के करीब पहुंच गई हैं। या यूं कहें कि नंदिनी गुप्ता अब खिताब से बस एक कदम दूर हैं। मिस वर्ल्ड 2025 का ग्रैंड फिनाले 31 मई को हैदराबाद में हो रहा है। इस फिनाले में भारत की ओर से नंदिनी गुप्ता देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उम्मीद है कि नंदिनी भारत को मिस वर्ल्ड का सातवां खिताब जिताएंगी। मिस वर्ल्ड के अब तक 6 खिताब भारत ने जीते हैं। पिछली बार साल 2017 में भारत के लिए मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। अब 8 साल बाद भारत के पास यह खिताब जीतने का मौका है। जिसे नंदिनी गुप्ता हासिल कर सकती हैं।
कौन हैं नंदिनी गुप्ता
राजस्थान के कोटा शहर के सब्जी मंडी इलाके की रहने वाली नंदिनी गुप्ता महज 21 साल की हैं। हालांकि उनका पैतृक गांव कैथून के पास भांडाहेड़ा है। नंदिनी 21 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। जबकि नंदिनी ने महज 19 साल की उम्र में फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीतकर बड़ा कारनामा किया था। नंदिनी के माता-पिता का कहना है कि नंदिनी खूबसूरत तो है ही साथ ही वह एक नेकदिल इंसान भी है, बचपन से ही उसमें करुणा और सेवा की भावना देखने को मिलती है। हमें गर्व है कि नंदिनी मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं और प्रतियोगिता में टॉप पर रही हैं।
नंदिनी के पिता का नाम सुमित गुप्ता है जो एक बिजनेसमैन हैं। जबकि उनकी मां रेखा गुप्ता एक गृहिणी हैं। नंदिनी की पढ़ाई कोटा में ही हुई है। नंदिनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोटा के सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की है। उन्होंने राजस्थान के बांसवाड़ा के लाला लाजपत राय कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बिजनेस मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल की है। नंदिनी का बचपन से ही ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने का सपना था। उन्होंने खुद बताया है कि जब वह 10 साल की थीं तो उनका सपना मिस इंडिया बनने का था।
नंदिनी ने वर्ष 2023 में अपने इस सपने को साकार किया। नंदिनी मिस राजस्थान का खिताब भी जीत चुकी हैं। नंदिनी गुप्ता की खूबसूरती के साथ-साथ उनकी संवेदनशील सोच और सामाजिक प्रतिबद्धता की भी खूब चर्चा होती है। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के तहत नंदिनी गुप्ता का एकता प्रोजेक्ट भी चर्चा का विषय रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत नंदिनी गुप्ता चाहती हैं कि मानसिक रूप से कमजोर और दिव्यांग लोगों के लिए भी सामान्य स्कूलों में क्लासरूम चलाए जाएं ताकि उन्हें समान अवसरों के साथ शिक्षा मिल सके।
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