झुंझुनूं कलेक्ट्रेट के बाहर गुरुवार को जमीन विवाद को लेकर दो परिवारों के बीच पोस्टर वार देखने को मिला। दोनों पक्षों के लोग अगल-बगल धरना देकर बैठ गए। धरना स्थल पर एक पक्ष ने भाजपा विधायक राजेंद्र भांबू तो दूसरे पक्ष ने भाजपा नेता बबलू चौधरी के खिलाफ आरोप लगाते हुए बैनर टांग दिए। देर शाम प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दोनों धरनास्थलों को हटवा दिया। बता दें कि भांबू और बबलू दोनों एक दूसरे के खिलाफ झुंझुनूं विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मंडावा कस्बे में बिसाऊ चौराहे के पास पुलिस थाने के सामने जमीन है। पहले इसकी कीमत ज्यादा नहीं थी, लेकिन अब हाईवे और होटल बनने से इस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए हो गई है। यह जमीन करीब सवा छह बीघा है। एक पक्ष का कहना है कि उन्होंने यह जमीन वर्ष 1978 में खरीदी थी, लेकिन इसकी रजिस्ट्री नहीं कराई। वहां उनका मकान और कब्जा है। वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उन्होंने जमीन खरीदी है, इसकी रजिस्ट्री भी उनके पास है। लेकिन पहला पक्ष कब्जा नहीं दे रहा है।
ये लगाए आरोप
मंडावा निवासी महावीर सिंह के परिजनों ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता बबलू चौधरी के इशारे पर कार्यकर्ता उन्हें परेशान कर रहे हैं। जमीन खाली करने की धमकी दे रहे हैं। वहीं दूसरे पक्ष के विजेंद्र सिंह व अन्य ने झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भांबू, उनके बेटे व दामाद पर राजनीतिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
भांबू मेरी वजह से विधायक हैं- निशित
झुंझुनूं से भाजपा के पूर्व प्रत्याशी निशित चौधरी ने कहा कि विधायक भांबू अपने बेटे मोह में उलझे हुए हैं। साथ ही उनके दामाद भी कब्जे वाली जमीन को हड़पना चाहते हैं। मैं भाजपा का सच्चा सिपाही हूं और राजेंद्र भांबू आज मेरी वजह से विधायक हैं। मैं बबलू चौधरी की वजह से नहीं हूं। झुंझुनूं के रोड नंबर 3 पर अवैध बार चल रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। विधायक के दामाद रोज नगर परिषद के चक्कर क्यों लगाते हैं, उन्हें वहां क्या लालच है।
मैं किसी व्यक्ति के कारण विधायक नहीं हूं- भांबू
इस बीच झुंझुनूं से विधायक राजेंद्र भांबू ने कहा कि मैं मंडावा में जमीन रखने वाले परिवार को जानता तक नहीं हूं। इस पूरे मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। रही बात मुझ पर, मेरे बेटे और दामाद पर आरोपों की तो आरोप लगाने वाले और मेरे परिवार के सदस्यों की पृष्ठभूमि देख लीजिए। मैं इस मामले को पार्टी मंच पर उठाऊंगा, उनकी तरह सार्वजनिक मंच पर नहीं। अगर जिले का एक भी व्यक्ति कहता है कि मैंने कोई जमीन कब्जाई है तो मैं किसी भी सजा के लिए तैयार हूं। मैं किसी एक व्यक्ति के कारण विधायक नहीं हूं, पूरी जनता ने मुझे आशीर्वाद दिया है और वोट दिया है।
छह महीने में ही दोनों के बीच मतभेद
गौरतलब है कि झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव के दौरान बबलू चौधरी और राजेंद्र भांबू ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं के आग्रह पर एकता दिखाई थी, लेकिन छह महीने बाद ही दोनों के बीच मतभेद सामने आ गए। उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बबलू ने बगावत का ऐलान कर दिया था, लेकिन पार्टी के दबाव में वह मान गए और एकता का संदेश दिया। फिर भी दोनों के बीच तनाव बना रहा। यह तनाव गुरुवार को तब सामने आया, जब बबलू चौधरी ने कलेक्ट्रेट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विधायक राजेंद्र भांबू पर गंभीर आरोप लगाए। चौधरी ने सफाई दी कि जिस जमीन को लेकर उनके दखल की बात कही जा रही है, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है।
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