राजस्थान की वीर भूमि पर स्थित कुंभलगढ़ किला इतिहास, शौर्य और वास्तुकला का अद्भुत संगम है। यह किला राजसमंद जिले में अरावली पर्वतमाला की ऊँचाइयों पर स्थित है और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राणा कुम्भा द्वारा 15वीं शताब्दी में निर्मित यह किला न केवल अपनी मजबूत दीवारों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह मेवाड़ की गौरवशाली विरासत और महाराणा प्रताप के जन्मस्थल के रूप में भी जाना जाता है।
क्यों है कुंभलगढ़ किला खास?
कुंभलगढ़ किला अपनी विशाल दीवारों के लिए प्रसिद्ध है जो लगभग 36 किलोमीटर लंबी हैं। यह दीवार चीन की 'ग्रेट वॉल' के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। किले की बनावट इस तरह की गई है कि यह दुश्मनों से पूरी तरह सुरक्षित रहता था। यह किला सात विशाल द्वारों, महलों, मंदिरों और अन्य संरचनाओं से युक्त है, जिनमें 'बदमहल', 'विजय पोल' और 'हनुमान पोल' प्रमुख हैं।किले से नीचे की ओर फैली हरियाली, पहाड़ी नज़ारे और गहराई में फैली घाटियां इसे और भी खूबसूरत बना देती हैं। यह जगह न केवल इतिहास प्रेमियों बल्कि फोटोग्राफरों और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी बेहद उपयुक्त है।
कुंभलगढ़ किला घूमने का बेस्ट टाइम
कुंभलगढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का होता है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना रहता है, जिससे किले की चढ़ाई और पूरे परिसर की सैर करना आरामदायक रहता है। गर्मियों के महीनों में (अप्रैल से जून) यहां का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे दिन के समय घूमना काफी कठिन हो जाता है।मानसून का मौसम भी रोमांचक हो सकता है, जब किले के चारों ओर हरियाली छा जाती है और दृश्य अत्यंत सुंदर हो जाते हैं। हालांकि, फिसलन की वजह से थोड़ा सतर्क रहना आवश्यक होता है।
कुंभलगढ़ किले की एंट्री फीस
कुंभलगढ़ किले में प्रवेश करने के लिए भारतीय पर्यटकों को नाममात्र शुल्क देना होता है। वर्तमान में प्रवेश शुल्क इस प्रकार है:
भारतीय नागरिकों के लिए: ₹40 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए: ₹600 प्रति व्यक्ति
बच्चों (15 वर्ष से कम आयु) के लिए: प्रवेश निःशुल्क
ध्यान दें कि यह शुल्क समय-समय पर पर्यटन विभाग द्वारा संशोधित किया जा सकता है, इसलिए यात्रा से पहले नवीनतम जानकारी अवश्य लें।
इसके अतिरिक्त, अगर आप किले के भीतर गाइड लेना चाहते हैं या लाइट एंड साउंड शो देखना चाहते हैं, तो उसके लिए अलग शुल्क देना होता है। लाइट एंड साउंड शो आमतौर पर शाम को होता है और इसमें कुंभलगढ़ के ऐतिहासिक पलों को रोशनी और ध्वनि के माध्यम से जीवंत किया जाता है।
कैसे पहुंचे कुंभलगढ़?
कुंभलगढ़ सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। निकटतम शहर उदयपुर (लगभग 85 किमी दूर) है, जहां से आप टैक्सी या बस के जरिए कुंभलगढ़ आसानी से पहुंच सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन भी उदयपुर ही है, और वहां से सड़क मार्ग का उपयोग करके एक दिन की यात्रा में किला देखा जा सकता है।
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