प्रदेश में लगातार भारी बारिश जारी है। हालात बेहद भयावह होते जा रहे हैं। हाड़ौती संभाग में भी भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। इस साल हुई रिकॉर्ड बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इटावा उपखंड में इस साल हुई रिकॉर्ड बारिश से सोयाबीन और उड़द समेत कई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में ज़्यादातर किसानों ने सोयाबीन की बुवाई की थी, जिसकी कटाई अक्टूबर-नवंबर महीने में होनी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश से सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है।
करीब 5000 बीघा ज़मीन की फसलें बर्बाद
इसके अलावा, कई किसान ऐसे भी हैं जो बारिश के कारण सोयाबीन की बुवाई से वंचित रह गए। इलाके में करीब 5000 बीघा ज़मीन पर बोई गई फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि सरकार जल्द ही कार्रवाई कर किसानों को राहत प्रदान करे, अन्यथा किसानों पर संकट और बढ़ जाएगा। लगातार हो रही बारिश से जहां खेत जलमग्न हो गए हैं, वहीं खेतों में जल निकासी की व्यवस्था न होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है।
बीमा कंपनियों से किसानों को राहत दिलाने की मांग
इटावा उपखंड के दीपरीचंबल, हरिनगर, शाहनवाड़ा, शोभागपुरा, गंडावर, लक्ष्मीपुरा समेत कई गांवों में पांच हजार बीघा से अधिक कृषि भूमि जलमग्न है। क्षेत्र के किसानों ने कैचमेंट कराकर खेतों से पानी निकासी की व्यवस्था करने की मांग की है। साथ ही, बीमा कंपनियों को सरकार के माध्यम से किसानों को राहत दिलाने के निर्देश देने की मांग की है।
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