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उदयपुर फाइल्स पर विवाद गहराया! जमीयत चीफ अरशद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में जताई आपत्ति, रोक लगाने की मांग

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है। मदनी ने दावा किया है कि फिल्म में भारतीय मुसलमानों को कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाले या उनके इशारे पर काम करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा बताया और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित स्क्रीनिंग कमेटी के आदेश पर भी सवाल उठाए।

"हितों के टकराव का मामला"

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने उनकी आपत्तियों का समाधान नहीं किया और केवल समिति की रिपोर्ट पर ही भरोसा किया। समिति ने फिल्म में केवल छह छोटे बदलावों का सुझाव दिया, जो उनके अनुसार अपर्याप्त हैं। मदनी ने आरोप लगाया कि सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी में केवल सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के सदस्यों को ही शामिल किया, जबकि जमीयत ने सेंसर बोर्ड के प्रमाणपत्र को ही चुनौती दी थी। यह हितों के टकराव का मामला है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी समिति नहीं बनानी चाहिए थी।

"मुसलमानों को गलत तरीके से पेश किया गया"
जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि फिल्म निर्माताओं को एक निजी स्क्रीनिंग आयोजित करने का निर्देश दिया जाए ताकि अदालत में मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश फिल्म की विषयवस्तु और उद्देश्य को समझ सकें। मदनी का कहना है कि यह फिल्म न केवल भारत-पाकिस्तान मुद्दे पर केंद्रित है, बल्कि भारतीय मुसलमानों को गलत तरीके से पेश करती है, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

उदयपुर फाइल्स: आगामी हिंदी क्राइम थ्रिलर फिल्म

'उदयपुर फाइल्स' एक आगामी हिंदी क्राइम थ्रिलर फिल्म है, जो 28 जून 2022 को उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की नृशंस हत्या की सच्ची घटना से प्रेरित है। भरत एस. श्रीनाथ और जयंत सिन्हा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में विजय राज, रजनीश दुग्गल और प्रीति झंगियानी मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या, उसके बाद की सामाजिक-राजनीतिक चुप्पी और न्याय की लड़ाई को दर्शाया गया है।

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