भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच 29 मई को राजस्थान समेत चार सीमावर्ती राज्यों में मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास किया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर की जा रही इन तैयारियों का उद्देश्य सुरक्षा एजेंसियों की आपातकालीन क्षमता को परखना और आम नागरिकों को सैन्य आपात स्थितियों के लिए तैयार करना है।
पाकिस्तान की हरकतों के बाद भारत सख्त
दरअसल, हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिश की। इन घटनाओं को देखते हुए भारत ने देश के चार सीमावर्ती राज्यों राजस्थान, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा अभ्यास करने का फैसला किया है।
राजस्थान में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल
राजस्थान में इस मॉक ड्रिल के लिए नागरिक सुरक्षा विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य के सभी जिलों को आवश्यक निर्देश भेज दिए गए हैं, खासकर पाकिस्तान सीमा से सटे जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को जोधपुर में मॉक ड्रिल होगी, हालांकि समय बैठक के बाद तय किया जाएगा। बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि हमें निर्देश मिल गए हैं और ड्रिल का शेड्यूल तय करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है।
क्या है मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट?
मॉक ड्रिल एक सिम्युलेटेड एक्सरसाइज है, जिसमें यह देखा जाता है कि आपातकालीन स्थिति (जैसे हवाई हमला या बम हमला) में नागरिक और प्रशासन कितनी जल्दी और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया करते हैं। इसमें सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाता है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास होता है। ब्लैकआउट एक्सरसाइज में पूरे इलाके की बिजली एक तय समय के लिए बंद कर दी जाती है, ताकि दुश्मन के हमले के दौरान शहर को अंधेरे में छिपाया जा सके और हमले को टाला जा सके। इससे यह भी परखा जाता है कि बिना बिजली के नागरिक किस तरह से संचार और सुरक्षा बनाए रखते हैं।
पहली मॉक ड्रिल 7 मई को हुई थी
आपको बता दें कि इससे पहले 7 मई 2025 को राजस्थान के 28 शहरों में हवाई हमलों को रोकने के लिए मॉक ड्रिल और नाइट ब्लैकआउट एक्सरसाइज की गई थी। जयपुर, अजमेर, कोटा, अलवर, सीकर जैसे शहरों में 15 मिनट तक बिजली गुल कर दी गई और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभ्यास किया गया।
केंद्र सरकार की सख्त निगरानी
पहलगाम हमले के बाद से ही केंद्र सरकार देशभर में सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रख रही है। मॉक ड्रिल के जरिए सरकार न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को परखना चाहती है, बल्कि आम जनता को भी संभावित आपदा के लिए सतर्क और जागरूक करना चाहती है।
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