ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सामाजिक सेवा विभाग और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच तीन वर्ष की अवधि के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौता ज्ञापन के तहत वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए 'एजिंग विद डिग्निटी' कार्यक्रम को पूरे देश में लागू किया जाएगा।
इस राष्ट्रव्यापी पहल का शुभारंभ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में किया। इस कार्यक्रम के तहत वृद्धाश्रमों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान, योग, आध्यात्मिक सत्र, सेमिनार और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आनंदमय और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने बुजुर्गों के प्रति सम्मान का आह्वान किया
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान हमारी संस्कृति की विशेषता है। आज की प्रतिस्पर्धात्मक और व्यस्त जीवनशैली में वरिष्ठ नागरिकों का सहयोग और मार्गदर्शन युवा पीढ़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उनके अनुभव और ज्ञान से युवाओं को जीवन की जटिलताओं से निपटने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था एक ऐसी अवस्था है जहां व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से सशक्त हो जाता है और अपने जीवन का मूल्यांकन कर अर्थ की ओर अग्रसर हो सकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में खुशहाली और सक्रियता लाने का प्रयास किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में ये हस्तियां मौजूद थीं।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव अमित यादव, ओआरसी निदेशक एवं प्रबंधन समिति सदस्य राजयोगिनी बी.के. ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से आशा ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कार्यक्रम में प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता बी.के. शिवानी सहित समाज सेवा विभाग के कई अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, राज्य मंत्री रामदास अठावले और बीएल वर्मा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।
'गरिमा के साथ वृद्धावस्था' कार्यक्रम के मुख्य बिंदु
सम्मेलन और सेमिनार: राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करके वरिष्ठ नागरिकों को एक मंच पर लाया जाएगा।
सत्र और गतिविधियाँ: उन्हें ध्यान, योग, प्रेरक भाषण और समूह चर्चा के माध्यम से आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति दी जाएगी।
वृद्धाश्रमों में कार्यक्रम: वृद्धाश्रमों में समय-समय पर मनोरंजक, ज्ञानवर्धक एवं आनंददायक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
इस समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य
वरिष्ठ नागरिकों को आध्यात्म एवं आध्यात्मिक विकास से जोड़ना।
उनके शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
वानप्रस्थ की भावना को पुनर्जीवित करना तथा नई पीढ़ी के साथ अनुभवों को साझा करने की भावना को बढ़ावा देना।
पीढ़ियों के बीच भावनात्मक अंतर को कम करके पारिवारिक संबंधों को मजबूत करना।
वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिभा को पहचानना, उन्हें सामाजिक रूप से सक्रिय बनाना तथा भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना।
समुदाय और परिवारों में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सम्मान और जागरूकता फैलाना।
परामर्श सेवाओं को सुदृढ़ बनाना।
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