पाकिस्तान और आतंकवाद को सबक सिखाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है। देश की बहादुर महिलाएं अब सरकार से मांग कर रही हैं कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने का समय आ गया है। इस बीच, राजस्थान के कोटा जिले की बहादुर महिला बबीता शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। बबीता ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि आतंकवाद और उसे बढ़ावा देने वाले देशों को सबक सिखाया जाए।
उनके पति 1996 में शहीद हो गये थे।
1996 में आतंकवादियों के लिए ख़तरा बने कमांडेंट सुभाष शर्मा श्रीनगर में शहीद हो गए। बबीता ने कहा कि उस समय कश्मीर में हालात बहुत खराब थे। बड़े आतंकवादियों को छोड़ने का दबाव था, लेकिन सुभाष शर्मा ने कभी हिम्मत नहीं हारी। शहादत के बाद भी बबीता ने हार नहीं मानी और अपने बेटे को देश की सेवा के लिए तैयार किया।
बेटे को मेजर बनाया, हिम्मत दिखाई
बबीता शर्मा ने अपने इकलौते बेटे को सेना में भेजकर देश के प्रति अपनी वफादारी दिखाई। आज उनका बेटा मेजर के पद पर तैनात है और सीमा पर देश की रक्षा कर रहा है। बबीता का कहना है कि आतंकवादी हमलों ने उनके जख्मों को ताजा कर दिया है, लेकिन उन्हें अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व है।
ऑपरेशन सिंदूर की सराहना
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। बबीता ने इस कार्य की बहुत सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान नेतृत्व बहुत मजबूत है। पहले सेना तो मजबूत थी, लेकिन नेतृत्व कमजोर था। अब समय आ गया है कि आतंकवादियों को कड़ा सबक सिखाया जाए।
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