खाद्य पदार्थों की उच्च स्तरीय व अंतरराष्ट्रीय मानकों वाली लैब जांच के अभाव में बीकानेरी खाद्य पदार्थ महानगरों व विदेशों में रिजेक्ट होकर वापस लौट जाते हैं। खास तौर पर यहां से दूध से बने उत्पाद व खाद्य पदार्थ निर्यात किए जाते हैं। दूध व खाद्य पदार्थ जांच लैब नहीं होने से ऐसे खाद्य पदार्थ बीकानेर से बाहर नहीं भेजे जा सकते। अब वेटरनरी विश्वविद्यालय बीकानेर ने डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में खाद्य व दूध जांच लैब खोलने का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र व राज्य सरकार को भेजा है। इस लैब के बनने से बीकानेर सहित प्रदेशभर के व्यापारियों को फायदा होगा। इससे खर्च के साथ समय की भी बचत होगी। अभी इनकी जांच के लिए सैंपल राजस्थान से बाहर भेजने पड़ते हैं। डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में खाद्य व दूध जांच लैब बनाने का प्रस्ताव है। इसे बनाने पर करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही विद्यार्थियों को जांच के क्षेत्र में सीखने के अवसर भी मिलेंगे। स्थानीय व्यापारियों को भी काफी मदद मिलेगी। हालांकि ऐसी ही एक लैब जयपुर में संचालित है। अगर बीकानेर में लैब बनती है तो यह प्रदेश की दूसरी लैब होगी।
फिलहाल दूसरी लैब पर निर्भर
बीकानेर उत्तर भारत में दूध का बड़ा उत्पादक है। यहां डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज होने के कारण दूध जांच लैब की जरूरत है। बीकानेर में निजी कंपनियों के उत्पाद भी बनते हैं। मिलावट रोकने के लिए भी ऐसी लैब की जरूरत महसूस की जा रही है। यहां से भुजिया और रसगुल्ला समेत कई खाद्य पदार्थ निर्यात किए जाते हैं। फिलहाल सैंपल जांच के लिए दिल्ली, गुड़गांव और दूसरी जगहों पर भेजे जाते हैं।
लैब हाईटेक होगी
इस हाईटेक लैब में एचपीएलसी और एनालाइजर जैसी मशीनों से जांच की जाएगी। जो किसी भी उत्पाद में कीटनाशक की मात्रा, एफ्लाटॉक्सिन और यूरिया की मौजूदगी की जानकारी दे सकेगी। पानी की सक्रियता, पीएच लेवल, दूध की सैंपलिंग, एलर्जेंस और अन्य की जानकारी मिल सकेगी।
प्रस्ताव बनाकर भेजा
डेयरी टेक्नोलॉजी कॉलेज में खाद्य और दूध जांच लैब बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि इसे जल्द मंजूरी मिल जाएगी और काम शुरू हो जाएगा। इसके स्थापित होने से खाद्य उत्पादों का निर्यात करने वालों को काफी फायदा होगा। अभी कई राज्यों की जांच लैब पर निर्भर रहना पड़ता है। बीकानेर में खुलने के बाद नमूनों की जांच आसानी से हो सकेगी।
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