यूक्रेन पर रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों में दो बच्चों समेत कम से कम सात लोग मारे गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक़ यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीएव में एक किंडरगार्टन पर हमला हुआ और राजधानी कीएव में भी भारी नुक़सान हुआ.
इससे कुछ घंटे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह अब बुडापेस्ट में रूसी राष्ट्रपति से नहीं मिलना चाहते.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने ताज़ा हमलों की आलोचना करते हुए कहा कि अब भी रूस पर जंग रोकने के लिए पर्याप्त दबाव नहीं डाला गया है.
खारकीएव में एक ऊंची इमारत पर रूसी ड्रोन के हमले में 60 वर्ष की उम्र के एक दंपति की मौत हो गई. कीएव के अन्य इलाकों में चार और लोगों की जान गई है.
मारे गए लोगों में 36 साल की एक महिला, छह महीने का एक बच्चा और 12 साल की एक लड़की शामिल थी. ये सभी लोग रूसी हमले के वक़्त कीएव के बाहरी इलाक़े में स्थित अपने घर पर थे.
खारकीएव के अधिकारियों ने बताया कि शहर में एक किंडरगार्टन (प्री-स्कूल) पर ड्रोन हमले में 40 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात लोग घायल हुए.
घायलों में छह बच्चे भी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि कई बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. यूक्रेन की वायु सेना के मुताबिक़ रूस ने 405 ड्रोन और 28 मिसाइलें दागीं, जिनमें से 15 बैलिस्टिक मिसाइलें थीं.
कीएव में मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात बैलिस्टिक मिसाइल हमलों की चेतावनी जारी होती रही. जगह-जगह धमाकों की आवाज़ें सुनाई दीं. सुबह तक बचाव दल आवासीय इमारतों में लगी आग बुझाने में जुटे रहे.
पूरे यूक्रेन में रूसी हमलों ने एक बार फिर ऊर्जा ढांचे को निशाना बनाया, जिसके चलते कई इलाकों में आपातकालीन बिजली कटौती लागू करनी पड़ी.
कीएव की एक सांसद, इनना सोवसुन ने बीबीसी के 'न्यूज़डे' प्रोग्राम को बताया कि हवाई हमले पूरी रात चलते रहे. उनका कहना था कि ये हमले बिजली की सप्लाई को निशाना बनाने के लिए किए जा रहे थे.
उन्होंने कहा, "हमें बिजली और पानी की सप्लाई बंद हो गई थी. ''
यूक्रेन ने रूस पर क्या आरोप लगाया?इससे कुछ ही घंटे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बुडापेस्ट में होने वाली शिखर वार्ता की उनकी योजना स्थगित कर दी गई है क्योंकि वह एक "बेकार की बैठक" नहीं चाहते हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश पर इन हमलों से साबित हो गया है कि रूस पर युद्ध बंद करने के लिए पर्याप्त दबाव नहीं है. रूस ने ट्रंप और यूरोपीय नेताओं की ओर से मौजूदा सीमावर्ती क्षेत्रों में युद्ध विराम की अपील को नामंजूर कर दिया है.
लेकिन रूसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन की तैयारी जारी है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से इनकार किया है कि इसे रोक दिया गया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि अभी तारीख़ पर सहमति नहीं बनी है और पूरी तैयारी की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन 'दोनों राष्ट्रपतियों की पारस्परिक इच्छा' थी और इसके बारे में फैली ज़्यादातर बातें गॉसिप हैं. इसके बारे में झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति यूरोपीय यात्रा की शुरुआत में बुधवार को नॉर्वे पहुंचे. इससे पहले पिछले शुक्रवार को वॉशिंगटन में ट्रंप के साथ उनकी बातचीत हुई थी.
इस बातचीत में वे अमेरिकी राष्ट्रपति को लंबी दूरी तक मार करने वाली टॉमहॉक मिसाइलें उपलब्ध कराने के लिए राजी करने में नाकाम रहे थे.
ज़ेलेंस्की ने ओस्लो में संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप का फ्रंट लाइन को फ़्रीज़ करने का प्रस्ताव एक 'अच्छा समझौता है लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि पुतिन इसका समर्थन करेंगे. मैंने यह बात राष्ट्रपति से कही है.'
ज़ेलेंस्की ने ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन को स्थगित किए जाने को सीधे तौर पर अमेरिकी टॉमहॉक्स के लिए अपने अनुरोध से जोड़ा है.
उन्होंने कहा, ''जैसे ही लंबी दूरी की मिसाइलों पर अमेरिका से सहमति नहीं बनी वैसे ही रूस की कूटनीति में दिलचस्पी कम हो गई."
ट्रंप और पुतिन आख़िरी बार अगस्त में अलास्का में मिले थे, लेकिन उस बैठक का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था. दोनों नेताओं के बीच नई बैठक को रोकने का फ़ैसला उसी तरह की 'बेनतीजा बातचीत' से बचने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
एक यूरोपीय राजनयिक ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "रूस की मांगें बहुत ज़्यादा थीं और अमेरिका को समझ में आ गया कि बुडापेस्ट में किसी समझौते की गुंज़ाइश नहीं है."
इस सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच होने वाली बैठक भी रद्द कर दी गई. यह बैठक ट्रंप-पुतिन बातचीत की तैयारियों के लिए होनी थी.
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच फ़ोन पर 'अच्छी' बातचीत हुई और अब मुलाक़ात 'ज़रूरी नहीं' है.
सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं के सहयोग से तैयार युद्धविराम प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसके तहत जंग के मौजूदा मोर्चे पर लड़ाई रोकने की बात कही गई है.
ट्रंप ने कहा, "जंग जहां है, वहीं रुक जाए. सब घर जाएं. लड़ाई बंद करें, लोगों को मारना बंद करें."
रूस ने इस प्रस्ताव को बार-बार ख़ारिज़ किया है. रूस यूक्रेनी सेना की पूर्वी इलाक़ों से पूरी तरह वापसी की मांग पर अड़ा है.
- पीएम मोदी से फ़ोन पर बातचीत के बाद ट्रंप ने रूस से तेल ख़रीदने पर फिर किया ये दावा
- ट्रंप ने कहा, 'पुतिन के साथ बेकार की बैठक नहीं करना चाहता था'
- ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात के पहले ट्रंप ने की पुतिन से बात, बोले, 'हंगरी में हम मिलेंगे'
रूस की ओर से ड्रोन और मिसाइलों की बारिश, यूक्रेन की सेना की ओर से मंगलवार देर रात किए गए हमले के जवाब में हुई.
दरअसल इस हमले में यूक्रेन ने ब्रिटेन की ओर से सप्लाई की गई स्टॉर्म शैडो का इस्तेमाल किया था. इन मिसाइलों से ब्रांस्क के बॉर्डर इलाके में रूस के केमिकल प्लांट पर हमला किया गया था.
यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने इस हमले को रूस के एयर डिफेंस को भेदने वाला 'एक सफल हमला' करार दिया. उन्होंने कहा कि ब्रांस्क प्लांट का इस्तेमाल बारूद, विस्फोट और रॉकेट ईंधन के कंपोनेंट बनाने में होता है. इसका इस्तेमाल रूस की ओर से यूक्रेन के इलाके में बमबारी, गोला-बारूद और मिसाइलों में किया जाता है. ''
रूसी एयर डिफ़ेंस सिस्टम को भेदने वाले इस हमले को 'एक सफल हमला' बताते हुए सैन्य अधिकारियों ने कहा कि ब्रांस्क संयंत्र बारूद, विस्फोटक और रॉकेट ईंधन का उत्पादन करता है.
यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि रूस ने इनका इस्तेमाल यूक्रेन पर बमबारी करने के लिए किया.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, और व्हॉट्सऐप पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
ट्रंप ने H-1B की फीस बढ़ाकर भारतीय छात्रों को दिया 'गिफ्ट', यहां समझें कैसे अब US में भर-भरकर मिलेगी जॉब
जीवन में खेलों के प्रति जुनून और अनुशासन विकसित करें: एलजी कविंदर गुप्ता –
दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की स्टैनफोर्ड सूची में भारतीय डॉक्टरों का शामिल होना गर्व की बात: पीयूष गोयल –
तृणमूल ने प्राकृतिक आपदा के बाद पश्चिम बंगाल को धनराशि जारी न करने पर केंद्र पर साधा निशाना
जेएनयू में अलोकतांत्रिक ईसी नियुक्तियों पर विवाद, एबीवीपी ने कुलपति से की निष्पक्ष जांच की अपील