मुंबई,25 अप्रैल ( हि.स.) । लगता है पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का ग्रहण प्रति वर्ष होने वाले धार्मिक अमरनाथ यात्रा पर भी लग गया है। इसका उदाहरण है ठाणे जिला सिविल अस्पताल में अरमनाथ यात्रा में जाने के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र हेतू सिर्फ एक शख्स ने ही आज शुक्रवार को अर्जी दी है।बताया जाता है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का अमरनाथ यात्रा पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है, जिससे अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आने का अनुमान है। तीर्थयात्रा के लिए मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र अनिवार्य है, और ठाणे जिला सिविल अस्पताल में प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए भीड़ लगी रहती है। हालांकि, शुक्रवार को केवल एक व्यक्ति ने फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। सवाल है कि क्या इससे तीर्थयात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या कम हो जाएगी?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए इस भीषण हमले में 27 भारतीय सैलानी मारे गए तथा 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। आतंकवादियों ने एक साथ गोलीबारी कर इन पर्यटकों को निशाना बनाया था । इस क्रूर घटना से देश में हलचल मच गई है। आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर में पर्यटक और धार्मिक स्थलों पर हमला करना और पर्यटन को खत्म करना था। हालांकि जुलाई में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तगण अभी से तैयारी कर रहे थे। यात्रा के लिए मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र अनिवार्य है। लेकिन, सिविल अस्पताल में प्रमाणीकरण चाहने वाले लोगों की संख्या में अचानक ये कमी आई है।
ठाणे सिविल अस्पताल ने 8 अप्रैल से अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। पहले दिन करीब 75 श्रद्धालुओं ने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। हालाँकि, हमले के बाद यह प्रमाण पत्र चाहने वालों की संख्या में कमी आई है। आज शुक्रवार को केवल एक व्यक्ति ने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने मुंबई के सभी मनपा अस्पतालों, ठाणे जिले के सभी मनपा अस्पतालों, सिविल अस्पतालों और उपजिला अस्पतालों में मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की व्यवस्था की है।
ठाणे जिला सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ कैलाश पवार ने बताया कि ठाणे सिविल अस्पताल. इस वर्ष अब तक मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए 305 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 224 पुरुष और 81 महिलाएं शामिल हैं। महिलाएं सिर्फ बीस प्रतिशत ही हैं।जबकि पिछले वर्ष 1,156 आवेदन प्राप्त हुए थे।
उल्लेखनीय है कि हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचते हैं। इस वर्ष लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी। हालांकि, हमले के बाद राज्य में भय और अनिश्चितता के माहौल के कारण कई श्रद्धालुओं ने अपनी यात्रा की योजना रद्द कर दी है। पर्यटन क्षेत्र को भी बड़ा झटका लग रहा है, होटल और ट्रैवल कम्पनियां बुकिंग के अचानक रद्द होने से परेशान हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा
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