आयकर विभाग ने देशभर में एक बड़ी जांच शुरू की है, जिसका मकसद उन प्रॉपर्टी डील्स को पकड़ना है जो टैक्स विभाग की नजरों से बच गए हैं। खासकर ₹30 लाख या उससे अधिक कीमत वाले प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन जिनकी जानकारी रजिस्ट्रार ऑफिस को देनी होती है, उनमें कई बार जानबूझकर गलत या नकली पैन नंबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। कई बार रजिस्ट्रार ऑफिसो के कुछ कर्मचारी भी मिलकर इन सौदों की रिपोर्टिंग छुपाते हैं, जिससे ऐसे सौदे आयकर विभाग की जांच से बाहर हो जाते हैं। इसी तरह, बैंकों में भी नकद जमा और निकासी की सही जानकारी विभाग को नहीं दी जा रही, खासकर छोटे सहकारी बैंकों में। इस कारण काला धन सफेद करने और टैक्स चोरी करने वाले लोग खुलेआम काम कर रहे हैं। आयकर विभाग ने अब इन सब गड़बड़ियों पर कड़ा प्रहार शुरू कर दिया है। विभाग के अधिकारी अलग-अलग शहरों में जाकर जांच कर रहे हैं, और साथ ही जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं ताकि लोग सही रिपोर्टिंग करें। इस जांच का उद्देश्य है टैक्स चोरी को रोकना, बेनामी संपत्तियों का पता लगाना और देश में फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी बढ़ाना।
बैंकिंग क्षेत्र में नकद लेनदेन की गलत रिपोर्टिंग
आयकर नियम के तहत बड़े नकद जमा-निकासी को रिपोर्ट करना जरूरी है, लेकिन छोटे सहकारी बैंक इस नियम का ठीक से पालन नहीं कर रहे। इससे नकद लेनदेन छुपाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। “विभाग ने कई सहकारी बैंकों की जांच की और वहां गड़बड़ियां पाईं। इसलिए उन्हें सुधारने के लिए कड़े निर्देश दिए है।
फर्जीवाड़ा और जांचकई मामलों में ₹50 लाख से अधिक कृषि इनकम दिखाने वाले व्यक्तियों के पास जमीन नहीं है, जबकि कुछ ने प्रति एकड़ फसल आय को सामान्य से काफी अधिक दिखाया है। विभाग ने ऐसे मामलों की गहराई से जांच शुरू की है ताकि नकली आय से टैक्स चोरी रोकी जा सके।
ई-वेरीफिकेशन और तकनीकी सुधार
आयकर विभाग ने सुझाव दिया है कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से पहले PAN और आधार की ई-वेरीफिकेशन जरूरी होनी चाहिए। इससे नकली या गलत दस्तावेजों का उपयोग बंद होगा और असली मालिकाना हक का पता चलेगा। बैंकिंग क्षेत्र में भी रिपोर्टिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अभियान और कानून के तहत सख्तीआयकर विभाग ने ‘नज अभियान’ (Nudge Campaign) शुरू किया है, जिसमें जागरूकता बढ़ाने और वोलंटरी टैक्स पेमेंट को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया गया है। इस अभियान के तहत अधिकारियों ने कई शहरों में सर्वे और जांच की। साथ ही, Rule 114E के तहत बैंक और रजिस्ट्रार को कड़ी जिम्मेदारी दी गई है कि वे सभी बड़ी फाइनेंशियल लेनदेन की सही जानकारी विभाग को दें। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगेगी।
बैंकिंग क्षेत्र में नकद लेनदेन की गलत रिपोर्टिंग
आयकर नियम के तहत बड़े नकद जमा-निकासी को रिपोर्ट करना जरूरी है, लेकिन छोटे सहकारी बैंक इस नियम का ठीक से पालन नहीं कर रहे। इससे नकद लेनदेन छुपाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। “विभाग ने कई सहकारी बैंकों की जांच की और वहां गड़बड़ियां पाईं। इसलिए उन्हें सुधारने के लिए कड़े निर्देश दिए है।
फर्जीवाड़ा और जांचकई मामलों में ₹50 लाख से अधिक कृषि इनकम दिखाने वाले व्यक्तियों के पास जमीन नहीं है, जबकि कुछ ने प्रति एकड़ फसल आय को सामान्य से काफी अधिक दिखाया है। विभाग ने ऐसे मामलों की गहराई से जांच शुरू की है ताकि नकली आय से टैक्स चोरी रोकी जा सके।
ई-वेरीफिकेशन और तकनीकी सुधार
आयकर विभाग ने सुझाव दिया है कि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से पहले PAN और आधार की ई-वेरीफिकेशन जरूरी होनी चाहिए। इससे नकली या गलत दस्तावेजों का उपयोग बंद होगा और असली मालिकाना हक का पता चलेगा। बैंकिंग क्षेत्र में भी रिपोर्टिंग सिस्टम को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
अभियान और कानून के तहत सख्तीआयकर विभाग ने ‘नज अभियान’ (Nudge Campaign) शुरू किया है, जिसमें जागरूकता बढ़ाने और वोलंटरी टैक्स पेमेंट को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया गया है। इस अभियान के तहत अधिकारियों ने कई शहरों में सर्वे और जांच की। साथ ही, Rule 114E के तहत बैंक और रजिस्ट्रार को कड़ी जिम्मेदारी दी गई है कि वे सभी बड़ी फाइनेंशियल लेनदेन की सही जानकारी विभाग को दें। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे टैक्स चोरी पर रोक लगेगी।
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