2025 में भारतीय उद्योग जगत में सीईओ के पद छोड़ने के मामले में वृद्धि देखी गई है. मार्च तिमाही में ही 41 सीईओ ने अपने पद छोड़ दिए. ये एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों सीईओ थे. पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 23 पर था. यानी एक इस साल 78% ज्यादा सीईओ ने अपने पद से रिजाइन किया है. भारतीय उद्योग में अस्थिरता?कॉर्पोरेट इंडिया में 2024-25 में 2,590 एनएसई-सूचीबद्ध कंपनियों में कुल 141 प्रबंध निदेशकों या मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने भू-राजनीतिक तनाव, बाजार में अस्थिरता और तकनीकी और नियामक परिवर्तनों की तेज गति की पृष्ठभूमि, आदि में कारण अपने पद छोड़ दिए. प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 और 2022-23 में क्रमशः 2,279 कंपनियों में 119 और 1,994 कंपनियों में 133 निकासी हुई है. इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि सेवा निवृत्ति के अलावा सीईओ के टर्नओवर में उछाल कई कारकों से प्रेरित होते हैं. नए अवसर के खुलने और प्रतिभा की आपूर्ति की कमी के कारण भी कॉर्नर ऑफिस में हलचल बढ़ गई है. भारतीय सीईओ के पद छोड़ने के कारण1. पुनर्गठन और रणनीतिक बदलाव का दबाव तेजी से बदलते वैश्विक और घरेलू बाजारों के परिदृश्य के कारण कंपनियां तेजी से अपनी रणनीतियों में भी बदलाव कर रही हैं. पर्यावरणीय स्थिरता टेक्नोलॉजी डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन जैसे क्षेत्र में बढ़ रही नए नेतृत्व की मांग के कारण भी सीईओ अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उदाहरण के लिए साल 2024 में विप्रो के पूर्व सीईओ थियरी डेलापोर्टे ने इस्तीफा दिया था. जिसके पीछे का कारण कंपनी का रणनीतिक पुनर्गठन माना जा रहा था. 2. कई स्टार्टअप्स और कंपनियों में यदि बोर्ड खराब प्रदर्शन करता है तो वहां सीईओ को बिना किसी हिचक के हटा दिया जाता है. जैसे भारतपे ने साल 2022 में अशनीर ग्रोवर को पद से हटा दिया था. 3. कंपनी के विकास, शेयरधारकों के रिटर्न और मार्केट केपीटलाइजेशन को सुनिश्चित करने का सीईओ पर निरंतर दबाव बना रहता है. यदि वे इन अपेक्षाओं को पूरा नहीं करते हैं तो या तो वह स्वयं इस्तीफा दे देते हैं या बोर्ड उन्हें पद से हटा देते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भारतीय कंपनियों में जहां विशेष रूप से पारिवारिक स्वामित्व वाली फल में होती है वहां यह दबाव और ज्यादा हो जाता है. 4. कई सीईओ निजी कारणों से भी अपने पद से इस्तीफा दे देते हैं. भारत में हाली के वर्षों में सीओ की सैलरी में 40% का उछाल आया. लेकिन इसके बाद भी उच्च तनाव और लंबे कामकाजी घंटे के कारण कई सीईओ कम तनावपूर्ण विकल्पों की तलाश करते हैं. कार्यकारी खोज फर्म ईएमए पार्टनर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक के सुदर्शन का कहना है कि सीईओ की नियुक्ति अब उच्च-दांव वाली हो गई है और बेहतर परिणाम देने के लिए कम समय अवधि को देखते हुए अनैच्छिक निकासी के मामले भी बढ़ रहे हैं.
You may also like
Gmail यूजर्स सावधान! “24 घंटे में अकाउंट बंद” वाले ईमेल से हो सकता है बड़ा नुकसान, जानिए कैसे बचें फिशिंग स्कैम से
पोप फ़्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन
WhatsApp Tests On-Device 'Translate Messages' Feature in Beta: Privacy-Preserving Real-Time Translation Coming Soon
22 April 2025 Rashifal: इन तीन राशि के जातकों पर रहेगी हनुमान जी की विशेष कृपा
भारत, अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के करीब