भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार को शानदार तेजी देखने को मिली, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों एक महीने के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और कंपनियों के मजबूत तिमाही नतीजों की उम्मीदों ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया। विदेशी निवेशकों (FIIs) की वापसी और रुपये की मजबूती ने इस तेजी को और बल दिया।
GIFT Nifty ने दिया मजबूत संकेतGIFT Nifty (पहले SGX Nifty) ने गुरुवार को बाजार के सकारात्मक खुलने के संकेत दिए। यह 55.5 अंकों या 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,458 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इससे संकेत मिलते हैं कि दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों का मूड सकारात्मक है और बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है।
तकनीकी चार्ट्स ने बढ़ाई उम्मीदेंतकनीकी दृष्टि से निफ्टी अब 25,500 से 25,600 के दायरे की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, अगर सूचकांक 25,250 से नीचे फिसलता है तो अल्पकालिक सुधार की संभावना बन सकती है। फिलहाल, बाजार विशेषज्ञ इसे “बाय ऑन डिप्स” यानी गिरावट पर खरीदारी का मौका मान रहे हैं।
बाजार में डर घटा, निवेशकों का भरोसा बढ़ाIndia VIX, जो बाजार के उतार-चढ़ाव या डर का सूचकांक माना जाता है, 5.6 प्रतिशत गिरकर 10.53 स्तर पर आ गया। इसका मतलब है कि बाजार में डर कम हुआ है और निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
अमेरिकी बाजारों में बढ़त, चीन-अमेरिका तनाव के बीच राहतअमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी देखी गई। S&P 500 इंडेक्स ऊंचे स्तर पर बंद हुआ, जबकि मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका जैसे दिग्गज बैंकों के अच्छे तिमाही नतीजों ने निवेशकों को राहत दी। हालांकि, चीन-अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव ने थोड़ी सतर्कता भी बढ़ाई है।
एशियाई बाजारों में भी मजबूती
एशियाई बाजारों ने अमेरिकी तेजी को फॉलो करते हुए दिन की शुरुआत बढ़त के साथ की। जापान का टॉपिक्स इंडेक्स 0.8% चढ़ा, ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.4% ऊपर रहा, जबकि यूरोप का Euro Stoxx 50 फ्यूचर्स 1.2% बढ़ा। हालांकि, हांगकांग का हैंगसेंग फ्यूचर्स 0.2% गिरा रहा।
कच्चे तेल की कीमतों में उछालतेल की कीमतों में गुरुवार सुबह करीब 1% की तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस से तेल खरीद बंद करने का आश्वासन दिया है। चूंकि रूस भारत के कुल तेल आयात का लगभग एक-तिहाई हिस्सा सप्लाई करता है, इसलिए यह बयान बाजार के लिए अहम माना जा रहा है।
सोने ने छुआ नया रिकॉर्डगुरुवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। अमेरिकी दरों में कटौती की उम्मीद, डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनावों के चलते निवेशकों ने सोने में निवेश को प्राथमिकता दी। यह स्थिति दर्शाती है कि सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुझान बढ़ा है।
F&O बैन में शामिल स्टॉकआज के सत्र में F&O सेगमेंट में Samman Capital का नाम बैन सूची में शामिल है। इसका मतलब है कि इस शेयर में मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट 95% से अधिक हो चुकी है, और फिलहाल इसमें नई पोजिशन नहीं ली जा सकती।
विदेशी और घरेलू निवेशकों की गतिविधियांबुधवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 68 करोड़ के शेयरों की शुद्ध बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 4,650 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशकों ने बाजार में मजबूती बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।
रुपया चार महीने में सबसे बड़ा उछालडॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 73 पैसे की मजबूती के साथ 88.08 रुपये पर बंद हुआ। यह पिछले चार महीनों में रुपये की सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़त थी। माना जा रहा है कि इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप और घरेलू बाजार की तेजी का बड़ा योगदान रहा।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
GIFT Nifty ने दिया मजबूत संकेतGIFT Nifty (पहले SGX Nifty) ने गुरुवार को बाजार के सकारात्मक खुलने के संकेत दिए। यह 55.5 अंकों या 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,458 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था। इससे संकेत मिलते हैं कि दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों का मूड सकारात्मक है और बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है।
तकनीकी चार्ट्स ने बढ़ाई उम्मीदेंतकनीकी दृष्टि से निफ्टी अब 25,500 से 25,600 के दायरे की ओर बढ़ सकता है। हालांकि, अगर सूचकांक 25,250 से नीचे फिसलता है तो अल्पकालिक सुधार की संभावना बन सकती है। फिलहाल, बाजार विशेषज्ञ इसे “बाय ऑन डिप्स” यानी गिरावट पर खरीदारी का मौका मान रहे हैं।
बाजार में डर घटा, निवेशकों का भरोसा बढ़ाIndia VIX, जो बाजार के उतार-चढ़ाव या डर का सूचकांक माना जाता है, 5.6 प्रतिशत गिरकर 10.53 स्तर पर आ गया। इसका मतलब है कि बाजार में डर कम हुआ है और निवेशकों का विश्वास बढ़ रहा है।
अमेरिकी बाजारों में बढ़त, चीन-अमेरिका तनाव के बीच राहतअमेरिकी शेयर बाजारों में बुधवार को तेजी देखी गई। S&P 500 इंडेक्स ऊंचे स्तर पर बंद हुआ, जबकि मॉर्गन स्टैनली और बैंक ऑफ अमेरिका जैसे दिग्गज बैंकों के अच्छे तिमाही नतीजों ने निवेशकों को राहत दी। हालांकि, चीन-अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव ने थोड़ी सतर्कता भी बढ़ाई है।
एशियाई बाजारों में भी मजबूती
एशियाई बाजारों ने अमेरिकी तेजी को फॉलो करते हुए दिन की शुरुआत बढ़त के साथ की। जापान का टॉपिक्स इंडेक्स 0.8% चढ़ा, ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.4% ऊपर रहा, जबकि यूरोप का Euro Stoxx 50 फ्यूचर्स 1.2% बढ़ा। हालांकि, हांगकांग का हैंगसेंग फ्यूचर्स 0.2% गिरा रहा।
कच्चे तेल की कीमतों में उछालतेल की कीमतों में गुरुवार सुबह करीब 1% की तेजी आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस से तेल खरीद बंद करने का आश्वासन दिया है। चूंकि रूस भारत के कुल तेल आयात का लगभग एक-तिहाई हिस्सा सप्लाई करता है, इसलिए यह बयान बाजार के लिए अहम माना जा रहा है।
सोने ने छुआ नया रिकॉर्डगुरुवार को सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। अमेरिकी दरों में कटौती की उम्मीद, डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनावों के चलते निवेशकों ने सोने में निवेश को प्राथमिकता दी। यह स्थिति दर्शाती है कि सुरक्षित निवेश साधनों की ओर रुझान बढ़ा है।
F&O बैन में शामिल स्टॉकआज के सत्र में F&O सेगमेंट में Samman Capital का नाम बैन सूची में शामिल है। इसका मतलब है कि इस शेयर में मार्केट-वाइड पोजिशन लिमिट 95% से अधिक हो चुकी है, और फिलहाल इसमें नई पोजिशन नहीं ली जा सकती।
विदेशी और घरेलू निवेशकों की गतिविधियांबुधवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 68 करोड़ के शेयरों की शुद्ध बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 4,650 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की। यह दर्शाता है कि घरेलू निवेशकों ने बाजार में मजबूती बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई।
रुपया चार महीने में सबसे बड़ा उछालडॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को 73 पैसे की मजबूती के साथ 88.08 रुपये पर बंद हुआ। यह पिछले चार महीनों में रुपये की सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़त थी। माना जा रहा है कि इसमें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हस्तक्षेप और घरेलू बाजार की तेजी का बड़ा योगदान रहा।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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