भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा देश के सोने की घर वापसी की जा रही है। आरबीआई ने पिछले 6 महीने में 64 टन सोना भारत वापस लाया है। यह कदम अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। दुनिया भर में राजनीतिक उथल-पुथल के कारण तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है। ऐसे हालातों में केंद्रीय बैंक अपने सोने को सुरक्षित रखना चाहता है। और इसलिए धीरे-धीरे अपना सोना वापस अपने देश में लाया जा रहा है। ताकि देश के खिलाफ बनी विपरीत परिस्थिति में अपनी ही संपत्ति का इस्तेमाल अपने खिलाफ न किया जा सके।
आरबीआई का गोल्ड रिजर्व कितना है?भारत के पास सितंबर 2025 तक 880.8 टन गोल्ड रिजर्व हो गया। लेकिन इसमें से भारत के पास केवल 575.8 टन सोना ही है। अभी भी बाकी का 290.3 टन सोना विदेश में रखा गया है। भारत का सोना बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स और बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास में है। जहां से धीरे-धीरे आरबीआई सोना निकालकर देश वापस ला रही है। मार्च 2025 से लेकर अब तक 64 टन सोना वापस लाया जा चुका है। इसके अलावा आरबीआई के गोल्ड डिपॉजिट में 14 टन सोना रखा है।
तेज हुई सोना वापसी की प्रक्रिया दुनिया भर में जब से भू राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, रूस यूक्रेन वॉर और अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की घटनाएं हो रही हैं, तब से भारत ने भी विदेशी बैंकों में रखा अपना सोना वापस लाना शुरू कर दिया है। इसी प्रक्रिया के तहत मार्च 2023 से लेकर अब तक 274 टन सोना भारत वापस लाया गया है।
ये है मुख्य कारण हाल ही में दुनिया में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिसने विदेश में रखी गई अपनी संपत्ति की सुरक्षा पर सवाल उठाएं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा और रूस यूक्रेन वॉर के मामलों में G7 समूह ने अफगानिस्तान और रूस के अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार पर अपना कब्जा कर लिया। पश्चिमी देशों के समूह के द्वारा की गई इस कार्यवाही के कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी विदेश में रखी संपत्ति की सुरक्षा के बारे में गंभीरता से सोचने लगे। इसलिए आरबीआई भी अपना सोना अपनी तिजोरी में रखना चाहता है ताकि अपनी संपत्ति सुरक्षित रहे। बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स और बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास केवल भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक को ने अपना सोना रखा है।
आरबीआई का गोल्ड रिजर्व कितना है?भारत के पास सितंबर 2025 तक 880.8 टन गोल्ड रिजर्व हो गया। लेकिन इसमें से भारत के पास केवल 575.8 टन सोना ही है। अभी भी बाकी का 290.3 टन सोना विदेश में रखा गया है। भारत का सोना बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स और बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास में है। जहां से धीरे-धीरे आरबीआई सोना निकालकर देश वापस ला रही है। मार्च 2025 से लेकर अब तक 64 टन सोना वापस लाया जा चुका है। इसके अलावा आरबीआई के गोल्ड डिपॉजिट में 14 टन सोना रखा है।
तेज हुई सोना वापसी की प्रक्रिया दुनिया भर में जब से भू राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, रूस यूक्रेन वॉर और अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की घटनाएं हो रही हैं, तब से भारत ने भी विदेशी बैंकों में रखा अपना सोना वापस लाना शुरू कर दिया है। इसी प्रक्रिया के तहत मार्च 2023 से लेकर अब तक 274 टन सोना भारत वापस लाया गया है।
ये है मुख्य कारण हाल ही में दुनिया में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिसने विदेश में रखी गई अपनी संपत्ति की सुरक्षा पर सवाल उठाएं। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा और रूस यूक्रेन वॉर के मामलों में G7 समूह ने अफगानिस्तान और रूस के अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार पर अपना कब्जा कर लिया। पश्चिमी देशों के समूह के द्वारा की गई इस कार्यवाही के कारण दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी विदेश में रखी संपत्ति की सुरक्षा के बारे में गंभीरता से सोचने लगे। इसलिए आरबीआई भी अपना सोना अपनी तिजोरी में रखना चाहता है ताकि अपनी संपत्ति सुरक्षित रहे। बैंक ऑफ़ इंटरनेशनल सेटेलमेंट्स और बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के पास केवल भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई केंद्रीय बैंक को ने अपना सोना रखा है।
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