मुकेश अंबानी की रिलायंस जब भी किसी सेक्टर में उतरता है, तो सिर्फ बिजनेस नहीं करता, बल्कि पूरी इंडस्ट्री के रूल्स ही बदल देता है. टेलीकॉम में डेटा फ्री करके बदलाव लाया, एंटरटेनमेंट में OTT को चैलेंज दिया और अब बारी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की है. इस बार Reliance की फाइनेंस विंग Jio Financial Services ने दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी BlackRock के साथ पार्टनरशिप में एंट्री ली है - लेकिन अंदाज पूरी तरह हटकर है.
Jio BlackRock ने बाकी फंड हाउस की तरह रेगुलर प्लान पेश नहीं किए हैं. यानी कोई ब्रोकर, कोई कमीशन, कोई एजेंट नहीं! कंपनी सीधे आम निवेशकों को टारगेट कर रही है- वो भी पूरी तरह डिजिटल और डायरेक्ट अप्रोच के साथ. सवाल ये है कि क्या ये Jio स्टाइल एंट्री इंडस्ट्री को हिला देगी?
क्या डायरेक्ट-ओनली स्ट्रैटजी फॉलो करेगी कंपनी
भारत में ज्यादातर म्यूचुअल फंड कंपनियां दो तरह के प्लान पेश करते हैं –
क्या इससे बदल जाएगी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री?
बिलकुल संभव है. जैसे Jio ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में डेटा को लगभग मुफ्त कर दिया था, उसी तरह म्यूचुअल फंड में भी डायरेक्ट-ओनली मॉडल से रेगुलर प्लान की प्रासंगिकता पर असर पड़ सकता है, ब्रोकर्स का रोल घट सकता है. हालांकि, अभी जियो ने केवल डेट फंड लॉन्च किया है, जिसमें रिस्क कम होता है. जब फंड हाउस शेयर मार्केट से जुड़े फंड लॉन्च करेगा तो हो सकता है उसमें रेगुलर प्लान भी लॉन्च करे.
लेकिन क्या यह हर निवेशक के लिए है?
डायरेक्ट प्लान से जहां लागत कम होती है, वहीं निवेशक को खुद रिसर्च और निर्णय लेने की जिम्मेदारी उठानी होती है. जो लोग नए हैं या गाइडेंस चाहते हैं, उनके लिए रेगुलर प्लान अब भी बेहतर हो सकता है. लेकिन Jio BlackRock का दांव यही है कि अगली पीढ़ी खुद निर्णय लेना पसंद करती है और वो ही इस बदलाव की लहर को आगे ले जाएगी. हालांकि, अब आने वाला समय ही बताएगा कि Jio BlackRock कौन सी स्ट्रेटजी अपनाएंगे और क्या इस इंडस्ट्री में क्या बदलाव लाएंगे.
डिस्क्लेमर : हमने यहां पर केवल जानकारी दी है. इसे किसी भी तरह से निवेश की सलाह ना समझें. निवेश से पहले अपने फाइनेंस एडवाइजर की सलाह जरू लें.
Jio BlackRock ने बाकी फंड हाउस की तरह रेगुलर प्लान पेश नहीं किए हैं. यानी कोई ब्रोकर, कोई कमीशन, कोई एजेंट नहीं! कंपनी सीधे आम निवेशकों को टारगेट कर रही है- वो भी पूरी तरह डिजिटल और डायरेक्ट अप्रोच के साथ. सवाल ये है कि क्या ये Jio स्टाइल एंट्री इंडस्ट्री को हिला देगी?
क्या डायरेक्ट-ओनली स्ट्रैटजी फॉलो करेगी कंपनी
भारत में ज्यादातर म्यूचुअल फंड कंपनियां दो तरह के प्लान पेश करते हैं –
- रेगुलर प्लान: जिसमें डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट के जरिए निवेश होता है और ब्रोकरेज/कमीशन शामिल होता है.
- डायरेक्ट प्लान: जिसमें निवेशक सीधे फंड हाउस से निवेश करता है और इसमें एक्सपेंस रेश्यो कम होता है.
क्या इससे बदल जाएगी म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री?
बिलकुल संभव है. जैसे Jio ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में डेटा को लगभग मुफ्त कर दिया था, उसी तरह म्यूचुअल फंड में भी डायरेक्ट-ओनली मॉडल से रेगुलर प्लान की प्रासंगिकता पर असर पड़ सकता है, ब्रोकर्स का रोल घट सकता है. हालांकि, अभी जियो ने केवल डेट फंड लॉन्च किया है, जिसमें रिस्क कम होता है. जब फंड हाउस शेयर मार्केट से जुड़े फंड लॉन्च करेगा तो हो सकता है उसमें रेगुलर प्लान भी लॉन्च करे.
लेकिन क्या यह हर निवेशक के लिए है?
डायरेक्ट प्लान से जहां लागत कम होती है, वहीं निवेशक को खुद रिसर्च और निर्णय लेने की जिम्मेदारी उठानी होती है. जो लोग नए हैं या गाइडेंस चाहते हैं, उनके लिए रेगुलर प्लान अब भी बेहतर हो सकता है. लेकिन Jio BlackRock का दांव यही है कि अगली पीढ़ी खुद निर्णय लेना पसंद करती है और वो ही इस बदलाव की लहर को आगे ले जाएगी. हालांकि, अब आने वाला समय ही बताएगा कि Jio BlackRock कौन सी स्ट्रेटजी अपनाएंगे और क्या इस इंडस्ट्री में क्या बदलाव लाएंगे.
डिस्क्लेमर : हमने यहां पर केवल जानकारी दी है. इसे किसी भी तरह से निवेश की सलाह ना समझें. निवेश से पहले अपने फाइनेंस एडवाइजर की सलाह जरू लें.
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