केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। जिसका उद्देश्य 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स के सैलरी और पेंशन संरचना में सुधार करना है।। PM मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी मिल गई है। बता दे कि अब आयोग अपनी सिफारिशें गठन की तारीखों को 18 महीने के अंदर सरकार को सौंपेगा। दरअसल, 8वें वेतन आयोग की घोषणा इस साल के पहले महीने में ही कर दी गई थी, लेकिन नियम तय होने में देरी की वजह से कर्मचारियों में कन्फ्यूजन था कि यह कब से लागू होगा। अब सरकार ने औपचारिक मंजूरी मिल गई है, जिससे सभी कर्मचारियों में बड़ी राहत मिली है। इस आयोग की 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना जताई जा रही है। इस खबर में जानिये 8वें वेतन आयोग में आपकी कितनी सैलरी बढ़ सकती है।
क्या होता है वेतन आयोग?
केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर बनता रहता है, जिसका काम है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी स्ट्रक्चर, भत्तों और सर्विस के शर्तों की समीक्षा लेना और साथ ही जरूरी बदलावों की सिफारिश भी करना। आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
8वीं वेतन आयोग से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी की सैलरी में अनुमानित 30-34% का hike हो सकता है। आपकी सैलरी बढ़ाने का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) होता है। यह एक मल्टीप्लायर होता है, जिसके द्वारा पुराने बेसिक वेतन को गुणा करके नया बेसिक वेतन निर्धारित किया जाता है। बेसिक सैलरी के आधार पर अन्य भत्ते भी तय किए जाते हैं। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा हुआ था, जिसके चलते कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर यह 18,000 रुपये हो गया था। अब 8वें वेतन आयोग में अगर 2.47 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया है तो 18,000 रुपये का बेसिक वेतन बढ़कर लगभग 44,460 रुपये हो सकता है, अगर यह 1.83 रखा गया हैं तो बेसिक वेतन करीब 32,940 रुपये हो सकता है, साथ ही 1.86 होने पर यह लगभग 33,480 रुपये तक भी पहुंच सकता है।
उदाहरण से इसे समझें
मान लीजिए आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.83 हो, तो नई बेसिक सैलरी 32,940 रुपये होगी, और फिटमेंट फैक्टर 2.47 होने पर यह बढ़कर 44,280 रुपये तक जा सकती है। ग्रॉस सैलरी निकालने के लिए बेसिक पे के साथ महंगाई भत्ता (DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को जोड़ा जाता है। मेट्रो शहरों के लिए HRA बेसिक का 30%, टियर-2 शहरों के लिए 20%, और टियर-3 शहरों के लिए 10% होता है। यदि DA को 0% मान लिया जाए और बेसिक सैलरी 44,460 रुपये हो, तो मेट्रो शहर में रहने वाले कर्मचारी का ग्रॉस वेतन इस बेसिक और HRA के जोड़ से तय होगा।
कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत
8वीं वेतन आयोग का यह कदम केंद्रीय और राज्य स्तर के दोनों कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वित्तीय सुरक्षा और जीवन स्तर सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार की मंजूरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में उम्मीदें बढ़ गई हैं कि आने वाले साल में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर उनकी सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी, और साथ ही यह फैसला न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनर्स के लिए भी राहतभरी खबर साबित होगी।
क्या होता है वेतन आयोग?
केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर बनता रहता है, जिसका काम है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों की सैलरी स्ट्रक्चर, भत्तों और सर्विस के शर्तों की समीक्षा लेना और साथ ही जरूरी बदलावों की सिफारिश भी करना। आमतौर पर हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
8वीं वेतन आयोग से केंद्रीय सरकारी कर्मचारी की सैलरी में अनुमानित 30-34% का hike हो सकता है। आपकी सैलरी बढ़ाने का मुख्य आधार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) होता है। यह एक मल्टीप्लायर होता है, जिसके द्वारा पुराने बेसिक वेतन को गुणा करके नया बेसिक वेतन निर्धारित किया जाता है। बेसिक सैलरी के आधार पर अन्य भत्ते भी तय किए जाते हैं। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा हुआ था, जिसके चलते कर्मचारियों का न्यूनतम बेसिक वेतन 6,000 रुपये से बढ़कर यह 18,000 रुपये हो गया था। अब 8वें वेतन आयोग में अगर 2.47 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया है तो 18,000 रुपये का बेसिक वेतन बढ़कर लगभग 44,460 रुपये हो सकता है, अगर यह 1.83 रखा गया हैं तो बेसिक वेतन करीब 32,940 रुपये हो सकता है, साथ ही 1.86 होने पर यह लगभग 33,480 रुपये तक भी पहुंच सकता है।
उदाहरण से इसे समझें
मान लीजिए आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है। यदि फिटमेंट फैक्टर 1.83 हो, तो नई बेसिक सैलरी 32,940 रुपये होगी, और फिटमेंट फैक्टर 2.47 होने पर यह बढ़कर 44,280 रुपये तक जा सकती है। ग्रॉस सैलरी निकालने के लिए बेसिक पे के साथ महंगाई भत्ता (DA) और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को जोड़ा जाता है। मेट्रो शहरों के लिए HRA बेसिक का 30%, टियर-2 शहरों के लिए 20%, और टियर-3 शहरों के लिए 10% होता है। यदि DA को 0% मान लिया जाए और बेसिक सैलरी 44,460 रुपये हो, तो मेट्रो शहर में रहने वाले कर्मचारी का ग्रॉस वेतन इस बेसिक और HRA के जोड़ से तय होगा।
कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत
8वीं वेतन आयोग का यह कदम केंद्रीय और राज्य स्तर के दोनों कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए वित्तीय सुरक्षा और जीवन स्तर सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार की मंजूरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों में उम्मीदें बढ़ गई हैं कि आने वाले साल में 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर उनकी सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी होगी, और साथ ही यह फैसला न केवल कर्मचारियों बल्कि पेंशनर्स के लिए भी राहतभरी खबर साबित होगी।
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