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गौतम बुद्ध की कहानी: जीवन की चार पत्नियों का रहस्य

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गौतम बुद्ध का परिचय

गौतम बुद्ध को पूरी दुनिया जानती है। उनके सिद्धांतों का पालन करने वाले लाखों अनुयायी हैं। कुछ लोग उन्हें भगवान विष्णु का 9वां अवतार मानते हैं। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और कई लोगों को अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर किया। उनके विचारों को लोग गहराई से मानते हैं। एक बार बुद्ध ने कहा था कि हर व्यक्ति की चार पत्नियां होती हैं, जिनमें से चौथी पत्नी जीवनभर साथ देती है। आज हम इस कथन के पीछे की कहानी और उसके अर्थ पर चर्चा करेंगे।


चार पत्नियों की कहानी

गौतम बुद्ध ने एक दिलचस्प कहानी सुनाई, जो उनके प्रारंभिक उपदेशों में से एक है। कहानी इस प्रकार है: एक व्यक्ति की चार पत्नियां थीं और वह खुशी-खुशी जीवन बिता रहा था। प्राचीन भारतीय समाज में एक व्यक्ति के लिए कई पत्नियां रखना सामान्य था। एक दिन, यह व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ गया और उसे एहसास हुआ कि उसकी मृत्यु निकट है। उसने अपनी चारों पत्नियों को बुलाया।


पहली पत्नी से उसने कहा, 'मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। क्या तुम मेरे साथ परलोक में चलोगी?' पहली पत्नी ने उत्तर दिया, 'मैं तुमसे प्यार करती हूं, लेकिन तुम्हारे साथ नहीं जा सकती।' फिर उसने दूसरी पत्नी को बुलाया, जिसने कहा कि वह अपने गृहस्थ जीवन में इतनी व्यस्त है कि नहीं जा सकती। तीसरी पत्नी ने भी यही कहा कि जब पहली और दूसरी नहीं जा सकतीं, तो वह भी नहीं जा सकती।


अब वह चौथी पत्नी को बुलाने में हिचकिचा रहा था, क्योंकि वह उसे कम प्यार करता था। लेकिन जब उसने चौथी पत्नी से पूछा, तो उसने तुरंत कहा, 'मैं आपके साथ चलूंगी। मैं आपके साथ अंतिम समय तक रहूंगी।'


पत्नी का अर्थ

बुद्ध ने इस कहानी का सार बताते हुए कहा कि हर इंसान की चार पत्नियां होती हैं, जिनका अलग-अलग महत्व होता है। पहली पत्नी आपका शरीर है, जो मृत्यु के समय आपका साथ छोड़ देती है। दूसरी पत्नी आपका भाग्य है, जो आपके साथ नहीं जाती। तीसरी पत्नी आपके रिश्ते-नाते हैं, जो जीवनभर आपके साथ रहते हैं, लेकिन मृत्यु के बाद वे भी आपको छोड़ देते हैं। चौथी पत्नी आपके कर्म हैं, जो आपके साथ जाते हैं और आपके अगले जन्म का निर्धारण करते हैं। यही कर्म आपको स्वर्ग और नरक के द्वार दिखाते हैं।


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