हम में से कई लोग पालतू जानवर रखने के शौकीन होते हैं। आमतौर पर लोग कुत्ते या बिल्लियों को पसंद करते हैं, लेकिन एक परिवार ने अपने घर में शेर को पालतू बनाने का निर्णय लिया। यह कहानी 1970 के दशक की है, जब अज़रबायजान में एक परिवार ने दो शेरों को अपने घर में रखा। हालांकि, इस निर्णय का परिणाम बेहद दुखद रहा।
परिवार ने एक बीमार शेर को अपने घर लाने का फैसला किया, जिसका नाम उन्होंने किंग रखा। शेर को पालतू जानवर की तरह रखा गया और वह परिवार के साथ रहने लगा। किंग के बड़े होने पर उसे फिल्मों में काम भी मिलने लगा। लेकिन एक दिन, एक फिल्म के शूट के दौरान, किंग ने एक बच्चे पर हमला कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने उसे मार दिया।
इसके बाद, परिवार ने एक और शेर, किंग 2, को पाला। यह शेर पहले वाले की तरह शांत नहीं था। जब परिवार के मुखिया लेव की मृत्यु हुई, तो किंग 2 बेकाबू हो गया। एक दिन, जब लेव की पत्नी नीना घर लौटीं, तो उन्होंने देखा कि शेर ने उनके 14 वर्षीय बेटे रॉबिन पर हमला कर दिया। इस घटना ने परिवार को बुरी तरह प्रभावित किया।
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