भारत में लोग खाने के प्रति बहुत उत्साही होते हैं। चाहे आप कहीं भी जाएं, सड़क किनारे खाने के स्टॉल आपको हर जगह मिलेंगे। चूंकि यहां की अधिकांश जनसंख्या मध्यवर्गीय है, लोग महंगे रेस्तरां में खाने के बजाय इन छोटे स्टॉल्स पर खाना पसंद करते हैं। इन स्थानों पर खाने की कीमतें बहुत कम होती हैं। उदाहरण के लिए, एक अच्छे होटल में बिरयानी की प्लेट की कीमत तीन से पांच सौ रुपये होती है, जबकि सड़क किनारे यह मात्र पचास से सौ रुपये में मिल जाती है। इस कीमत के अंतर को दर्शाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।
बिरयानी में चावल की असलियत
बिरयानी बनाने के लिए बासमती चावल का उपयोग किया जाता है, जिसकी बाजार में अच्छी कीमत होती है। हालांकि, सड़क किनारे मिलने वाली बिरयानी में भी लंबे दाने वाले चावल होते हैं, लेकिन इसकी कीमत कम होती है। इसका कारण है नकली चावल। हां, इस बिरयानी में जो चावल इस्तेमाल होते हैं, वे प्लास्टिक से बने होते हैं।
नकली चावल बनाने की प्रक्रिया
सोशल मीडिया पर नकली चावल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे प्लास्टिक को पिघलाकर मशीन में डाला जाता है और फिर इसे चावल के आकार में काटा जाता है। इसमें ऐसे रसायन मिलाए जाते हैं, जो पकाने पर चावल जैसा स्वाद देते हैं। असल में, ये चावल खेतों में नहीं, बल्कि फैक्ट्रियों में बनाए जाते हैं। इसी चावल से बनी बिरयानी सस्ते दामों पर बेची जाती है। इसलिए, यदि आप सस्ती बिरयानी के शौकीन हैं, तो सतर्क रहें।
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