Next Story
Newszop

दूध को ताज़ा रखने का अनोखा तरीका: मेंढक का उपयोग

Send Push
एक अनोखी परंपरा

कल्पना कीजिए:
आपने दूध निकाला है, और उसे ठंडा रखने के लिए एक मेंढक के साथ बर्तन में रख दिया गया है! यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन रूस और फिनलैंड जैसे ठंडे देशों में, यह एक समय की सामान्य प्रथा थी।


मेंढक और दूध का संबंध

फ्रिज के आगमन से पहले, दूध को जल्दी खराब होने से बचाना एक बड़ी चुनौती थी। विशेषकर रूस और फिनलैंड जैसे देशों में, जहाँ तापमान ठंडा रहता था, फिर भी दूध जल्दी खराब हो सकता था। ऐसे में, वहां के निवासियों ने एक अनोखा तरीका अपनाया — दूध के बर्तन में जीवित मेंढक डालना


वैज्ञानिक अनुसंधान

हाल के शोध में, वैज्ञानिकों ने पाया कि मेंढक की त्वचा से निकलने वाले कुछ पदार्थों में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं। इन गुणों के कारण दूध में हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं, जिससे दूध अधिक समय तक ताज़ा रहता है।


फिनलैंड की हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने मेंढकों की त्वचा से लगभग 76 विभिन्न एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स की पहचान की है, जो दूध को खराब होने से रोकने में सहायक होते हैं।


प्राकृतिक संरक्षण की विधि

मेंढक को दूध में डालने की यह प्रथा यह दर्शाती है कि पुराने समय के लोग भी वैज्ञानिक सोच रखते थे, हालाँकि उनके पास आज जैसी तकनीक नहीं थी। वे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके समस्याओं का समाधान करते थे, जो पर्यावरण के लिए भी अनुकूल था।


क्या यह तरीका आज भी प्रासंगिक है?

आज के समय में, यह तरीका लागू नहीं हो सकता क्योंकि:



  • हमारे पास फ्रिज और डीप फ्रीज़र हैं

  • पैकेज्ड मिल्क उपलब्ध है, जो प्रोसेस्ड होता है

  • स्वच्छता के नए मानदंड हैं


इसलिए, मेंढक वाला तरीका आज के स्वास्थ्य और नैतिकता के मानकों पर खरा नहीं उतरता। लेकिन यह निश्चित रूप से दिखाता है कि हमारे पूर्वज कितने रचनात्मक और प्रयोगशील थे।


Loving Newspoint? Download the app now