रूहुल अमीन फ़कीर, हमले के आरोपी के पिता, ने कहा है कि गिरफ्तार व्यक्ति उनका बेटा नहीं है। उनका दावा है कि CCTV फुटेज में जो व्यक्ति दिख रहा है, वह उनके बेटे से अलग है।
रूहुल अमीन फ़कीर के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटे हैं। शरीफ़ुल इस्लाम, उनका मंझला बेटा, हाल ही में विवादों में आया है।
रूहुल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे से आखिरी बार शुक्रवार की शाम बात की थी। उस समय दोनों ने एक-दूसरे का हाल-चाल पूछा था।
उन्होंने कहा, "मैं फोन पर ज्यादा बात नहीं करता। बच्चों से बात करते समय यही होता है कि कैसे हो? ठीक से रहो।" उन्हें अपने बेटे की गिरफ्तारी की जानकारी टीवी और फेसबुक के माध्यम से मिली।
रूहुल ने कहा, "फुटेज में जो व्यक्ति दिखा, वह मेरे बेटे जैसा नहीं है। पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार किया, लेकिन तस्वीर में जो व्यक्ति है, वह अलग है।"
अभियुक्त के पिता का बयान
रूहुल ने अपने 30 वर्षीय बेटे के बारे में बताया, "वह बचपन से लंबे बाल रखता था और उन्हें पीछे की ओर झाड़ता था।"
उन्होंने कहा, "फुटेज में दिख रहे व्यक्ति के बाल आंखों की भौहों तक हैं, और चेहरे में भी कोई समानता नहीं है।"
उनका मानना है कि शायद किसी और की ग़लतफहमी के कारण उनके बेटे पर आरोप लगाया गया है।
रूहुल ने कहा कि उनके बेटे के लिए भारत जाकर ऐसा काम करना संभव नहीं था।
उन्होंने कहा, "सैफ़ अली ख़ान, शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान जैसे बड़े लोगों के करीब पहुंचना मुश्किल है।"
शरीफ़ुल का भारत जाना

रूहुल ने बताया कि शरीफ़ुल ने पिछले साल मार्च-अप्रैल में भारत जाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा, "उनके खिलाफ कुछ मामले चल रहे थे। मैं अपने इलाके में यूनियन बीएनपी का अध्यक्ष हूं, और शरीफ़ुल भी इसका सदस्य है।"
रूहुल ने कहा कि अवामी लीग के शासन के दौरान उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के कारण कई मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने बताया कि शरीफ़ुल ने भारत में एक 'बार जैसे होटल' में काम करना शुरू किया था और हर महीने अपने परिवार को पैसे भेजते थे।
सैफ़ पर हमला कब हुआ?
16 जनवरी को एक हमलावर ने सैफ़ अली ख़ान पर उनके बांद्रा स्थित आवास में चाकू से हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
इसके बाद, 19 जनवरी को मुंबई पुलिस ने शरीफ़ुल इस्लाम को एक जंगल से गिरफ्तार किया।
पुलिस ने उन्हें सैफ़ अली ख़ान पर हमले का आरोपी बताया और कहा कि वह बांग्लादेशी नागरिक हैं।
हालांकि, अदालत में पेश होने पर शरीफ़ुल के वकीलों ने कहा कि उनके बांग्लादेशी नागरिक होने का कोई सबूत नहीं है।
शरीफ़ुल की पहचान और भारत में उनकी स्थिति पर विवाद जारी है।
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