महाकुंभ नगर, 10 फरवरी। विश्व के सबसे विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन 'महाकुंभ 2025' ने सभी को चकित कर दिया है। यह आयोजन विश्वभर में अपनी अनोखी पहचान बना चुका है।
प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पिछले 30 दिनों से श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ रहा है।
यदि हम श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करें, तो हर दिन औसतन 1.44 करोड़ लोग त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर रहे हैं। महाकुंभ के माध्यम से सनातन धर्म के अनुयायियों की आस्था की अद्भुत लहर देखने को मिल रही है।
विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन 7.64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया, जबकि 28 जनवरी को यह संख्या 4.99 करोड़ थी। 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को भी 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया।
मौनी अमावस्या के बाद भी श्रद्धालुओं का आना जारी है, और प्रतिदिन लगभग एक करोड़ से अधिक लोग संगम में स्नान करने पहुंच रहे हैं। इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी हुई है। 9 फरवरी तक 43 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
योगी सरकार ने इस विशाल और ऐतिहासिक आयोजन के लिए विशेष तैयारियां पहले से की थीं, जिससे श्रद्धालुओं को स्नान और अन्य सुविधाएं सुगम हो सकें। सुरक्षा, स्वच्छता और प्रबंधन के उत्कृष्ट प्रयासों ने महाकुंभ को ऐतिहासिक बना दिया है। इस आस्था के महासमागम ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को एकजुट किया है।
इन तिथियों पर जुटे श्रद्धालुओं की संख्या:
13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को 1.70 करोड़
14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़
26 जनवरी को 1.74 करोड़
27 जनवरी को 1.55 करोड़
28 जनवरी को 4.99 करोड़
29 जनवरी (मौनी अमावस्या) को 7.64 करोड़
30 जनवरी को 2.06 करोड़
31 जनवरी को 1.82 करोड़
1 फरवरी को 2.15 करोड़
3 फरवरी (बसंत पंचमी) को 2.57 करोड़
9 फरवरी को 1.57 करोड़
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