Next Story
Newszop

निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी मोदी 3.0 का दूसरा बजट, राहत की उम्मीदें

Send Push
बजट का इंतजार

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी 3.0 का दूसरा बजट प्रस्तुत करेंगी। इस बजट का सभी वर्गों, विशेषकर आम जनता और कॉर्पोरेट क्षेत्र के लोगों द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि सरकार महंगाई और करों के मामले में जनता को महत्वपूर्ण राहत प्रदान कर सकती है।


भारत का कर्ज

क्या आप जानते हैं कि भारत के बजट का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा ब्याज चुकाने में खर्च होता है? सरकार की आय कम और खर्च अधिक है, जिसके कारण उसे कर्ज लेना पड़ता है। आइए जानते हैं कि मोदी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत का कर्ज किस प्रकार बढ़ा।


हर भारतीय पर विदेशी कर्ज

सरकार विभिन्न स्रोतों से कर्ज लेती है, जिसमें घरेलू और विदेशी दोनों प्रकार के कर्ज शामिल हैं। घरेलू स्तर पर यह कर्ज बीमा कंपनियों, RBI, कॉर्पोरेट कंपनियों या अन्य बैंकों से लिया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, IMF, विश्व बैंक और अन्य विदेशी बैंकों से कर्ज लिया जाता है। वर्तमान में भारत पर कुल विदेशी कर्ज 712 अरब डॉलर है। देश की जनसंख्या 1.40 अरब है, जिससे प्रत्येक भारतीय पर 5 डॉलर यानी लगभग 430 रुपये का विदेशी कर्ज है।


मोदी बनाम मनमोहन

मनमोहन सिंह के कार्यकाल (2005-2013) में भारत का कुल कर्ज 17 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि 190% की वृद्धि दर्शाता है। वहीं, मोदी सरकार के कार्यकाल (2014 से सितंबर 2023) में भारत का कर्ज 55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 161 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो कि 220% की वृद्धि है।


Loving Newspoint? Download the app now