इंसान अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहता है। हर कोई यही चाहता है कि वह अपने जीवन में एक अच्छी कामयाबी हासिल करें परंतु सिर्फ सोचने से ही कामयाबी नहीं मिलती है। अगर आप एक कामयाब इंसान बनना चाहते हैं, तो इसके लिए जीवन में लगातार मेहनत के साथ साथ संघर्ष भी करना पड़ता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । अगर आपने यह सोच लिया कि आपको अपने जीवन में आगे बढ़ना है तो फिर आपके लिए हर बाधा काफी छोटी हो जाती है। आप अपनी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
ऐसा कहते हैं ना कि “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।” यह लाइन बिहार के मुंगेर के रहने वाले नंदलाल के ऊपर बिल्कुल फिट बैठती है। जी हां, इन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि अगर इंसान कुछ करने की ठान ले, तो अपने रास्ते की हर समस्या को पार करके मंजिल को प्राप्त कर सकता है।
बचपन में ही खो दिए थे दोनों हाथआपको बता दें कि मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर नगर के संत टोला के रहने वाले अजय कुमार साह एक गुमटी में अपनी दुकान चलाते हैं। उनके बेटे नंदलाल के दोनों हाथ नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, बचपन में ही करंट लगने की वजह से उसके दोनों हाथ कट गए थे। लेकिन इसके बावजूद भी नंदलाल ने पढ़ने लिखने की अपनी ख्वाहिश को कभी विराम नहीं दिया। हाथ नहीं रहे तो नंदलाल ने पैरों को ही अपना हाथ बना लिया। आज नंदलाल अपने हाथों के बजाय पैरों से लिखकर परीक्षा दे रहे हैं। उनके इस हौसले को जो भी देखता है वह हैरान हो जाता है।

नंदलाल के दोनों हाथ ना रहने के बावजूद भी वह अपने पैर के सहारे अपनी किस्मत खुद लिख रहे हैं। नंदलाल ने अपनी कमजोरी को खुद पर हावी नहीं होने दिया। वह अपने हौसले और मेहनत से इतिहास रच रहे हैं। उन्होंने पढ़ाई करने की ठानी। उनके दादा ने उन्हें पैर से लिखने का हुनर सिखाया। फिर क्या था, नंदलाल परीक्षा की कॉपी अपने पैर से लिख कर आगे बढ़ते रहें हैं। वह अपने दोनों पैरों से ही एग्जाम में लिखते हैं।
आमतौर पर देखा गया है कि ऐसे हालात में कोई भी आम इंसान अपना जीवन समाप्त समझ लेता है परंतु नंदलाल ने अपनी दिव्यांगता को कभी बेबसी नहीं बनने दिया। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और जीवन में कुछ कर दिखाने की ठान ली है। नंदलाल कुमार ने साल 2019 में 12वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की थी। उन्होंने 500 में से 325 अंक प्राप्त किए। वहीं 2017 में हाईस्कूल की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से उन्होंने पास की। इस समय वह बीए फर्स्ट ईयर के छात्र हैं। नंदलाल आरएस कॉलेज तारापुर में बीए की परीक्षा दे रहे हैं।
नंदलाल बनना चाहते हैं IASआपको बता दें कि नंदलाल बीए के बाद वह बीएड और इसके बाद वह आईएएस बनने का सपना देख रहे हैं। अपने इस सपने को साकार करने के लिए वह अपने दोनों हाथों से नहीं बल्कि दोनों पैरों से कोशिश करने में जुटे हुए हैं। नंदलाल के इस हौसले को हम भी सलाम करते हैं।
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