सिद्धार्थनगर जिले के पूर्व भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है, जिसने सियासी गलियारों में बवाल खड़ा कर दिया है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि ‘तुम मुसलमानों की दस लड़कियां लाओ और नौकरी, खाने-पीने का इंतजाम हम करेंगे.’
उत्तर प्रदेश की राजनीति में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है, जो अपने बयानों से माहौल गर्मा देते हैं. लेकिन जब बात राघवेंद्र प्रताप सिंह की आती है, तो यह सिलसिला थोड़ा लंबा और तीखा हो जाता है. कभी हिंदू युवा वाहिनी के कद्दावर नेता रहे राघवेंद्र, अपने हालिया विवादित बयान के कारण एक बार फिर सुर्खियों में हैं.
सिद्धार्थनगर की एक जनसभा में राघवेंद्र ने कहा कि ‘ हमारे समाज की 2 लड़कियां वो ले गए, तुम मुसलमानों की 10 लड़कियां लाओ… 2 पे 10 से कम मंजूर नहीं है और यह घोषित करते हैं कि जो यह ले के आएगा उसके खाने-पीने, नौकरी का इंतजाम हम करेंगे. लेकिन जो यह 2 गई हैं वह हमें पच नहीं रहा है. मुसलमानों सुन लो, यह हमें पच नहीं रहा है और इसका बदला कुछ भारी होना ही होना है.’ इस बयान ने देशभर में राजनीतिक हलचल मचा दी. चलिए ऐसे में आखिर कौन हैं राघवेंद्र प्रताप सिंह और उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा?
कौन हैं राघवेंद्र प्रताप सिंह?राघवेंद्र प्रताप सिंह का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया नहीं है. वह अपने बयानों और तीखी राजनीतिक शैली के लिए लंबे समय से सुर्खियों में रहे हैं. उनका जन्म 1 अप्रैल 1966 को बस्ती जिले में हुआ था. साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले राघवेंद्र ने दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर से बीए की पढ़ाई पूरी की. यहीं उनकी मुलाकात हुई उस शख्स से, जिसने आगे चलकर उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा बदल दी. वह थे योगी आदित्यनाथ.
हिंदू युवा वाहिनी से राजनीतिक सफर की शुरुआतगोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के संपर्क में आने के बाद राघवेंद्र सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी से जुड़कर अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की. संगठन में उनका कद बहुत तेजी से बढ़ा. उनकी आक्रामक बोलने की शैली और हिंदू राष्ट्रवादी छवि के कारण उन्हें जल्द ही संगठन में बड़ा दायित्व मिला और वे हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी बन गए. इसी दौर में उन्होंने अपनी पहचान एक फायरब्रांड हिंदू नेता के रूप में बनाई. उनकी लोकप्रियता बढ़ने के साथ ही उनका राजनीतिक सफर भी शुरू हुआ. योगी आदित्यनाथ से करीबी संबंधों के चलते भाजपा ने उन्हें 2012 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया.
डुमरियागंज से पहली चुनावी पारी2012 में राघवेंद्र प्रताप सिंह को सिद्धार्थनगर जिले की मुस्लिम बहुल सीट डुमरियागंज से भाजपा उम्मीदवार बनाया गया. यह सीट हमेशा से कठिन मानी जाती थी क्योंकि यहां हिंदू मतदाता अपेक्षाकृत कम थे. उन्होंने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा, लेकिन नतीजा उनके पक्ष में नहीं गया. इस चुनाव में पीस पार्टी के उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया और राघवेंद्र चौथे स्थान पर रहे. लेकिन राघवेंद्र सिंह ने हार मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने संगठन में सक्रिय रहकर अपने इलाके में मजबूत पकड़ बनाई और 2017 में भाजपा ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया.
2017 में पहली जीत, लेकिन अंतर मामूली2017 के विधानसभा चुनाव में किस्मत ने उनका साथ दिया. उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार सैय्यदा खातून को महज 171 वोटों के अंतर से हराकर पहली बार विधानसभा में प्रवेश किया. यह जीत भले ही बहुत छोटी थी, लेकिन उनके लिए ऐतिहासिक साबित हुई. उन्होंने इसे योगी आदित्यनाथ और संगठन की मेहनत का परिणाम बताया.
2022 में फिर हार, लेकिन विवाद जारी2022 के विधानसभा चुनाव में राघवेंद्र सिंह को फिर उसी सीट से टिकट मिला. इस बार मुकाबला एक बार फिर सैय्यदा खातून से था. हालांकि इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और वे समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सैय्यदा खातून से हार गए. चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने सियासत से दूरी नहीं बनाई, बल्कि लगातार बयानों और जनसभाओं के जरिए अपनी मौजूदगी बनाए रखी.
राजनीति में ‘फायरब्रांड’ छवि की कीमतराघवेंद्र प्रताप सिंह का सफर बताता है कि किस तरह एक नेता अपनी पहचान जोश और विवाद, दोनों से गढ़ता है. हिंदू युवा वाहिनी से निकले इस नेता ने डुमरियागंज जैसे मुश्किल इलाके में अपनी जगह जरूर बनाई, लेकिन उनकी तीखी जुबान अक्सर उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देती है. वर्तमान में उनका भविष्य भले ही राजनीतिक रूप से अनिश्चित दिख रहा हो, लेकिन इतना तय है कि राघवेंद्र प्रताप सिंह का नाम उत्तर प्रदेश की राजनीति में ‘विवादों के पर्याय’ के रूप में लंबे समय तक गूंजता रहेगा.
You may also like

Kerala State Film Awards 2025: 'मंजुम्मेल बॉयज' को सबसे ज्यादा 9 अवॉर्ड्स, ममूटी को बेस्ट एक्टर, देखें विनर्स लिस्ट

Bihar Election: 'लालटेन' से रोशन होगी चेरिया बरियारपुर सीट या लगेगा 'तीर' का निशाना? जानिए चुनावी समीकरण

Tejashwi Yadav: 'महागठबंधन सरकार बनने पर 14 जनवरी को हर महिला के खाते में भेजेंगे 30000 रुपए', 18 नवंबर को शपथग्रहण का दावा करते हुए तेजस्वी यादव बोले; बिहार में 6 नवंबर को है पहले दौर की वोटिंग

Gen Z के इस फेवरेट एक्टर ने खरीदी नई इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार, महज 75 लाख में धांसू फीचर्स और रेंज

प्रकाश राज ने ममूटी को नेशनल अवॉर्ड नहीं दिए जाने पर सरकार को कोसा, बोले- ये तो फाइल्स और पाइल्स को मिल रहे





