लखनऊ: लखनऊ के दुबग्गा क्षेत्र में एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया. एक हादसे ने तीन परिवारों की खुशियां उजाड़ दीं. चार दोस्त हंसी-ठिठोली करते हुए मेले से लौट रहे थे, किसी को क्या पता था कि वो लौटकर अब कभी घर नहीं आएंगे. हादसे में तीनों की मौत हो गई. एक की तो छह दिन बाद ही शादी होनी थी.
मोहित की थी शादी, मगर किस्मत ने रच दिया मातम
मोहित गौतम की उम्र सिर्फ़ 24 साल थी. 13 नवंबर को उसकी शादी तय थी. तीन दिन पहले ही तिलक हुआ था, घर में रिश्तेदारों की आवाजाही थी, गली में हल्दी और बैंडबाजे की चर्चा थी. मोहित ने अपनी शादी की शेरवानी और जोड़ा पहले ही खरीद लिया था. बड़े चाव से चुना था उसने. दोस्तों को दिखाते हुए कहा था, बस अब मेरी बारी है यारो. पर किसे मालूम था कि जो शेरवानी उसने अपनी बारात में पहननी थी, वही कपड़ा अब कभी अलमारी से बाहर नहीं निकलेगा. गुरुवार शाम मोहित अपने दोस्तों धीरेंद्र यादव (28), मोनू कश्यप (18) और शनि के साथ उन्नाव के बनारसी मेले में घूमने गया था. चारों दो बाइकों पर सवार थे. घर से निकले थे तो हंसी-मजाक करते हुए बोले थे, मेले से लौटकर रात में शादी का कार्ड बांटने निकलेंगे.
सड़क के गड्ढे ने ली तीन जिंदगियों की हंसी
मेले से लौटते वक्त जैसे ही दोनों बाइकें औरास थाना क्षेत्र के बड़ादेव गांव के पास पहुंचीं, सड़क पर बने गहरे गड्ढे में पहिया फिसल गया. दोनों बाइकें तेज़ रफ्तार में थीं. पलभर में संतुलन बिगड़ा और दोनों आपस में टकरा गईं. धीरेंद्र, मोहित और मोनू मौके पर ही गिर पड़े. सिर और सीने पर चोटें इतनी गंभीर थीं कि तीनों की वहीं मौत हो गई. शनि गंभीर रूप से घायल होकर सड़क किनारे तड़पता रहा. राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी. औरास थाना पुलिस मौके पर पहुंची, एंबुलेंस से घायलों और शवों को अस्पताल भेजा गया. डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया.
तीन अर्थियां एक साथ पहुंचीं तो फूट पड़ा मातम
शुक्रवार सुबह जब तीनों दोस्तों के शव दुबग्गा के जेहटा गांव पहुंचे तो माहौल किसी श्मशान जैसा था. गांव की गलियां जो कुछ दिन पहले शादी के रंगों से सजी थीं, अब रोने-बिलखने की आवाजों से भर गईं. एक साथ तीन अर्थियां घर पहुंचीं तो हर किसी की आंखें नम हो गईं. मोहित की मां बेहोश होकर गिर पड़ीं. पिता को यकीन नहीं हो रहा था कि जिस बेटे की शादी की तैयारियों में उन्होंने पूरी जमा-पूंजी खर्च की थी, अब वही बेटा सफेद कपड़ों में लौट आया है. मोहित की मंगेतर भी घर पहुंची. वो बेदम सी हो चुकी थी. जिस हाथ में चार दिन बाद मेहंदी लगनी थी, उसी हाथ से उसने मोहित की अर्थी को छुआ. गांव की महिलाएं उसे संभालने की कोशिश करती रहीं, मगर वह रोते हुए बार-बार कहती रही- अब मैं किससे ब्याह करूंगी? किसे दूं ये जोड़ा जो उसने मेरे लिए चुना था…
पुलिस का फोन आया कि सब खत्म हो गया
मोहित के बड़े भाई कल्लू गौतम ने बताया, घर में लगातार तैयारियां चल रही थीं. रिश्तेदार आने लगे थे. कार्ड बंट रहे थे, मिठाई बनवाई जा रही थी. शाम को फोन आया कि मोहित का एक्सीडेंट हो गया है. पहले लगा चोट लगी होगी, लेकिन जब अस्पताल पहुंचे तो सब खत्म हो चुका था. कल्लू की आंखों में आंसू रुक नहीं रहे थे. बोले – जिस बेटे की बारात निकालनी थी, उसकी अर्थी उठाई. अब बस भगवान ही जाने कैसे जी पाएंगे. गांव के एक बुजुर्ग बोले मोहित की शादी में इतनी भीड़ जुटनी थी, लेकिन किसे पता था कि वही भीड़ आज उसके अंतिम संस्कार में आएगी.
800 लोगों ने दी अंतिम विदाई
शुक्रवार दोपहर तीनों दोस्तों के शवों का अंतिम संस्कार हुआ. गांव और आसपास के इलाकों से करीब 800 लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए. हर किसी की आंखें नम थीं. तीनों दोस्तों के शव एक साथ उठे तो पूरा गांव रो पड़ा. गांव की महिलाओं ने चूल्हा नहीं जलाया. बच्चे तक खामोश बैठे रहे.
गांव में उठ रहे सवाल-कब सुधरेंगी ये सड़कें
हादसे की वजह सड़क पर बने गड्ढे बताए जा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ादेव गांव के पास वाली सड़क महीनों से टूटी हुई है. कई बार शिकायत की गई, लेकिन मरम्मत नहीं हुई. एक ग्रामीण ने बताया, यह हादसा पहली बार नहीं हुआ. गड्ढे में रोज़ाना बाइक फिसलती है. लेकिन विभाग आंख बंद किए बैठा है. अब तीन जवान बेटे चले गए, क्या अब सुधरेगी सड़क. थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि पंचनामा भरने के बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया . घायल युवक का इलाज जारी है.
जो हंसी में निकले थे, अब गांव की यादों में बस गए
दुबग्गा के जेहटा गांव के लोग अब भी सदमे में हैं. हर कोई वही सवाल पूछ रहा है कि आखिर मोहित की किस्मत इतनी बेरहम क्यों निकली ? मोहित, धीरेंद्र और मोनू ये तीनों बचपन से साथ बड़े हुए थे. स्कूल, मैदान और बाजार हर जगह साथ दिखते थे. अब गांव में उनकी जगह बस तस्वीरें बची हैं, और दीवारों पर टंगे शादी के कार्ड.
You may also like

राफेल से भिड़ेंगे टाइफून? पाकिस्तान के दोस्त ने किया 95,000 करोड़ का समझौता, एक जेट की कीमत उड़ा देगी होश

Current Affairs: मिनटमैन-III मिसाइल परीक्षण से UN जल संधि तक…देखें इस सप्ताह के करेंट अफेयर्स

जहर बन गईं राजस्थान की जीवनरेखाएं! सुप्रीम कोर्ट सख्त, 'निर्णायक रुख' अपनाए भजनलाल सरकार

उपचुनाव 2025: तरनतारन और बडगाम में सत्ताधारी पार्टी का इम्तिहान, उमर अब्दुल्ला और भगवंत मान की साख दांव पर

उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा में भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति की सराहना की




