लखनऊ, 2 मई . उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के लिए सुनहरा दौर शुरू हो चुका है. योगी आदित्यनाथ की सरकार अब प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाने जा रही है. गांव-गांव और कस्बों में बिखरी हुई अपार प्रतिभा को खोजने, तराशने और विश्व मंच तक पहुंचाने के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है.
जिस व्यवस्था में अब तक स्कूलों में खेल महज समय काटने या वार्षिक उत्सव की रस्म अदायगी तक सीमित था, वही अब विद्यालयों में खेलों की व्यवस्था कराने हेतु राष्ट्र स्तरीय संस्था स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) द्वारा चयनित खेलों में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) जैसी तैयारी और पेशेवर प्रशिक्षण की राह पर कदम रख चुकी है.
सत्र 2025-26 के लिए सरकार ने 1.34 लाख से अधिक स्कूलों के लिए 134 करोड़ रुपए का बड़ा बजट आवंटित किया है. योगी सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों से देश को अंतर्राष्ट्रीय चैंपियन दिया जाए.
योगी सरकार की यह पहल परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को खेलों के क्षेत्र में न केवल प्रदेश का बल्कि देश का गौरव बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी. अब उत्तर प्रदेश के स्कूलों से निकलने वाले बच्चे कक्षा की पढ़ाई के साथ खेल के मैदान में भी अपनी मेहनत और प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे. सरकार के इस कदम को ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें उचित मंच प्रदान करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलकर देश का नाम रोशन करेंगे.
योगी सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए परिषदीय विद्यालयों में प्रयास शुरू किए हैं. सरकार ने सत्र 2025-26 के लिए लगभग 1.34 लाख से अधिक स्कूलों के लिए 134 करोड़ रुपए का बड़ा बजट आवंटित किया है. इसके अंतर्गत 86,764 प्राथमिक विद्यालयों को 43.382 करोड़ रुपए, 45,245 जूनियर हाई स्कूल और केजीबीवी विद्यालयों को 45.245 करोड़ रुपए और 2,304 सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को 5.76 करोड़ रुपए, एक केजीबीवी एक खेल योजना को 19.41 करोड़ रुपए, ओपन जिम-स्पोर्ट्स सामग्री हेतु 14.92 करोड़ रुपए एवं राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण शिविर आयोजन हेतु 5.33 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है.
यह राशि खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने, नए उपकरण खरीदने और विद्यार्थियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने में खर्च की जाएगी. खेल उपकरणों के क्रय करने हेतु प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को 5,000, प्रत्येक जूनियर हाई स्कूल और केजीबीवी को 10,000 और प्रत्येक सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 25,000 रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे.
राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए अंडर 14, अंडर 17 और अंडर 19 आयु वर्ग में चयनित बालक-बालिकाओं को राष्ट्र स्तरीय खेल स्पर्धाओं के पूर्व चरणबद्ध तरीके से 10 दिवसीय तैयारी शिविर में भेजा जाएगा. यह शिविर बच्चों को एक-दूसरे को जानने, समझने, आपस में टीम भावना विकसित करने और खेल की भूमिका और स्थिति को समझने का अवसर प्रदान करेगा. यह शिविर खिलाड़ियों को मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार करने एवं आगामी राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में सहायक होगा.
दरअसल, पहले अलग-अलग जिलों में राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं हेतु चयनित बच्चों को खेल किट देकर सीधे राष्ट्रीय प्रतियोगिता स्थल भेज दिया जाता था, जहां वे टूर्नामेंट का हिस्सा बनते थे, लेकिन उनमें परस्पर तालमेल नहीं रहता था और वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाते थे. अब योगी सरकार 10 दिवसीय शिविर के माध्यम से बच्चों के बीच जान-पहचान बढ़ाकर आपसी सामंजस्य, टीम भावना और खेल की भूमिका और स्थिति की समझ विकसित करेगी.
यह बिलकुल वैसा ही होगा, जैसे साई पहले राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अभ्यास कराने तथा राष्ट्रीय स्तरीय खेल स्थल पर अभ्यास मैच कराकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में तालमेल स्थापित करती है और उन्हें एक सूत्र में बांधकर उत्कृष्टता के लिए तैयार करती है.
अब इन खिलाड़ियों को प्रतियोगिता स्थल के निकटतम मंडल में शिविर के रूप में सीखने का अवसर मिलेगा. अपनी तैयारी पूरी करने के बाद वे सीधे मुख्य टूर्नामेंट में शामिल होंगे, जहां फुटबॉल, हॉकी, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, हैंडबॉल और रग्बी जैसी टीम आधारित प्रतियोगिताओं में समन्वय और सामूहिक समझ विकसित कर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे.
चयनित खिलाड़ियों को खेल की बारीकियों में दक्ष बनाने के लिए योगी सरकार ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत 100 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक खेल अनुदेशक एवं ब्लॉक और जिला स्तर पर शारीरिक खेल शिक्षकों को पहले से ही नियुक्त कर रखा है. यह सभी शारीरिक खेल अनुदेशक एवं ब्लॉक और जिला स्तरीय शारीरिक खेल शिक्षक राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं हेतु चयनित बच्चों को शारीरिक शिक्षा और खेलों में प्रोत्साहन देने तथा खेलों में निपुण करने का कार्य करेंगे.
पहले से ही प्रदेश के 73 जनपदों में संचालित 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में से 145 विद्यालयों में ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना पहले से ही लागू की गई है. इस योजना के तहत एसजीएफआई के प्रावधानों के अनुसार, 19 खेलों का चयन किया गया है और प्रत्येक विद्यालय में एक प्रमुख खेल को बढ़ावा दिया जा रहा है. बालिकाएं अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार उस खेल में उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास कर रही हैं. सरकार ने खेल उपकरणों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है और विद्यालयों की वार्डन को बालिकाओं की पहचान व प्रशिक्षण के लिए दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी समय-समय पर इन विद्यालयों का दौरा कर बालिकाओं का उत्साहवर्धन कर रहे हैं तथा खेल शिक्षिकाओं को अद्यतन तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
सभी 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. खेल प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए ओपन जिम उपकरणों की स्थापना की जा रही है ताकि बालिकाएं शारीरिक रूप से मजबूत बनें और प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकें.
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि यह योजना केवल बच्चों को खेलों में प्रशिक्षित करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी सुनिश्चित करना है. खेल बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन, टीम भावना और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं. इसके माध्यम से बच्चों को जीवन में सफलता पाने के लिए महत्वपूर्ण गुण मिलते हैं.
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एबीएम/एकेजे
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