New Delhi, 17 अगस्त . दस में से नौ भारतीय उद्यम एआई और एनालिटिक्स के विस्तार में सिक्योरिटी और प्राइवेसी रिस्क को सबसे बड़ी बाधा मानते हैं. यह जानकारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई.
‘सीआईओ एंड लीडर’ और ‘बीएमएनएक्सटी’ द्वारा किए गए ‘2025 स्टेट ऑफ एंटरप्राइज टेक्नोलॉजी सर्वे’ के अनुसार, “फिशिंग एक प्रमुख चिंता का विषय बनी हुई है, 77 प्रतिशत मुख्य सूचना अधिकारियों (सीआईओ) ने इसे अत्यधिक या मध्यम रूप से गंभीर माना है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहचान-आधारित अटैक और रैंसमवेयर उद्यमों पर दबाव बना रहे हैं, जबकि एआई-जनरेटेड खतरे जैसे मॉडल पॉइजनिंग और डेटा लीकेज नए रिस्क के रूप में उभर रहे हैं.
9.9 ग्रुप के शोध प्रमुख आर. गिरिधर ने कहा, “एआई साइबर सिक्योरिटी गेम को दोनों तरफ से बदल रहा है – अटैकर्स इसका इस्तेमाल खतरों को नया रूप देने के लिए कर रहे हैं और बचावकर्ता इसका इस्तेमाल ऑटो डिटेक्शन और प्रतिक्रिया के लिए कर रहे हैं. उद्यमों के लिए चुनौती पहले दिन से ही एआई पहलों में सुरक्षा को शामिल कर आगे बने रहना है.”
क्लाउड-नेटिव सिक्योरिटी कंट्रोल, जीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर और प्राइवेसी ऑटोमेशन, विशेष रूप से विनियमित उद्योगों में, प्रमुख क्षमताएं बन रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि साथ ही, एआई-पावर्ड डिटेक्शन का प्रचलन बढ़ रहा है, जिससे विसंगतियों का तेजी से पता लगाना, व्यवहारिक आधार रेखा बनाना संभव हो रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, कॉम्प्लेक्स हाइब्रिड आईटी परिवेशों की चुनौतियों का समाधान करने के लिए एसओसी आधुनिकीकरण और प्रिविलेज्ड एक्सेस मैनेजमेंट (पीएएम) को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है.
सीआईओ एंड लीडर के कंसल्टिंग रिसर्च पार्टनर और बीएमएनएक्सटी के संस्थापक एवं मुख्य विश्लेषक दीपक कुमार ने कहा, “आंकड़े स्पष्ट करते हैं – सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी अब केवल आईटी चिंताएं नहीं हैं; ये बोर्ड-स्तरीय प्राथमिकताएं हैं. एआई अपनाने का अगला चरण विश्वास पर निर्भर करेगा. जो संगठन सुरक्षा को एक आधारभूत तत्व के रूप में संबोधित करने में विफल रहते हैं, उनके डिजिटल परिवर्तन में रुकावट आने का जोखिम होता है.”
पार्टिसिपेंट्स द्वारा एआई के विस्तार में बताई गई अन्य प्रमुख बाधाओं में डेटा उपलब्धता और गुणवत्ता संबंधी समस्याएं, सही तकनीकों का चयन और परिवर्तन प्रबंधन चुनौतियां शामिल हैं.
‘सीआईओ एंड लीडर’ के कार्यकारी संपादक, जतिंदर सिंह ने कहा, “आज सीआईओ एक कठिन परिस्थिति में हैं, उन्हें प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ाने के लिए एआई का विस्तार करना होगा, लेकिन वे भरोसे से समझौता नहीं कर सकते. एआई रणनीतियों में प्राइवेसी-बाय-डिजाइन, शासन और साक्षरता का निर्माण गति और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा.”
यह सर्वे भारत के शीर्ष उद्यमों के 350 से अधिक सीआईओ और टेक्नोलॉजी लीडर्स से प्राप्त इनसाइट को दिखाता है, जो एआई, क्लाउड, एप्लिकेशन डेवलपमेंट और साइबर सिक्योरिटी में प्राथमिकताओं, चुनौतियों और अवसरों का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है.
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एसकेटी/
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