Patna, 5 अक्टूबर . मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने Sunday को जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है. उसके पहले ही राज्य में चुनाव संपन्न होंगे.
Patna में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं. इसमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
उन्होंने बताया कि पूरी चुनाव आयोग की टीम दो दिनों से बिहार में है. सबसे पहले चुनाव आयोग ने बिहार की सभी मान्यता प्राप्त Political दलों के साथ बैठक की. इसके अलावा, बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों, नोडल अफसरों, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार, स्टेट Police नोडल अधिकारियों और सीएपीएफ के नोडल अधिकारियों के साथ बैठक की गई. बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य सचिवों के साथ भी बैठक की गई.
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार से शुरू होने वाली कुछ पहलों में सबसे पहले ट्रेनिंग शामिल है. बूथ लेवल एजेंट की पहली बार चुनाव आयोग ने ट्रेनिंग कराई. बिहार के सभी बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई. बूथ लेवल अफसरों की आईआईआईडीईएम में ट्रेनिंग कराई गई. देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है.
उन्होंने कहा, “साधारण तौर से Police अफसरों की ट्रेनिंग जिला या राज्य में ही होती थी. इस बार मानक के तौर पर इनकी दिल्ली में भी ट्रेनिंग शुरू की गई. मतदाता सूची में सबसे बड़ी पहल विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की रही. यह काम 24 जून से शुरू हुआ और समयबद्ध तरीके से सभी मतदाताओं के सहयोग के साथ समाप्त हुआ.”
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा बूथ लेवल अफसर को, जब वे मतदाता के पास जाएं तो मतदाता उन्हें पहचान पाएं, इसलिए बूथ लेवल अधिकारी के लिए फोटो आईडी कार्ड शुरू किए गए.
उन्होंने यह भी बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव से ही देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी. इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया. सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में मिलेगा. इससे मतदाता बूथ तक सुगमता के साथ जा सकते हैं.
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग की लगभग 40 एप्लीकेशन अब तक बन चुकी थीं. इन सभी को मिलाकर एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है. इसका प्रोग्रेसिव इंप्लीमेंटेशन अभी जारी है. बिहार में इसको लागू किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या ज्यादा होने पर लाइनें लगती थीं, इसलिए पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे. यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी.
–
डीसीएच/
You may also like
आउट होने के बाद भी बच गईं जेमिमा रोड्रिग्स, फिर पाकिस्तान के जले पर छिड़का नमक
पूर्णिमा पर घर-घर गूंजेगा गायत्री मंत्र: ऑनलाइन यज्ञ में शामिल होंगे देशभर के श्रद्धालु
त्रिवेणी के रूप में 16 से 18 अक्टूबर तक होगा दीपोत्सव का आयोजन
दुनिया का इकलौता इंसान जिसकी दौलत ने` तोड़ दिया सारे रिकॉर्ड! 60000 नौकर 100 सोने के ऊंट और वो यात्रा जिसने बदल दिया इतिहास
दिवाली पर जलाने वाली फुलझड़ी कैसे बनती है? इस वीडियो को देख सब समझ आ जाएगा