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जनवरी-मार्च तिमाही में भारत का चालू खाता अधिशेष 13.5 बिलियन डॉलर रहा

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नई दिल्ली, 27 जून . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 (जनवरी-मार्च) की चौथी तिमाही में 13.5 बिलियन डॉलर का चालू खाता अधिशेष दर्ज किया, जो सकल घरेलू उत्पाद का 1.3 प्रतिशत है.

इस मजबूत प्रदर्शन ने 2024-25 की पिछली तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 11.3 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 1.1 प्रतिशत) के चालू खाता घाटे को उलट दिया है. यह पिछले साल की इसी तिमाही में 4.6 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 0.5 प्रतिशत) के अधिशेष से दो गुना से अधिक की वृद्धि को भी दर्शाता है.

आरबीआई ने कहा कि पूरे वर्ष 2024-25 के लिए भारत का चालू खाता घाटा 23.3 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 0.6 प्रतिशत) रहा, जो 2023-24 के दौरान 26 बिलियन डॉलर (जीडीपी का 0.7 प्रतिशत) से कम था.

सेवाओं और व्यक्तिगत हस्तांतरण के कारण 2024-25 के दौरान शुद्ध अदृश्य प्राप्तियां एक साल पहले की तुलना में अधिक थीं. आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि जबकि माल निर्यात में नरमी आई, चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में अधिशेष मजबूत सेवा निर्यात और प्राथमिक आय खाते पर कम शुद्ध व्यय के कारण था.

पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 42.7 बिलियन डॉलर से 2024-25 की चौथी तिमाही में शुद्ध सेवा प्राप्तियां बढ़कर 53.3 बिलियन डॉलर हो गईं.

आरबीआई ने कहा कि व्यावसायिक सेवाओं और कंप्यूटर सेवाओं जैसी प्रमुख श्रेणियों में सेवा निर्यात में साल-दर-साल आधार पर वृद्धि हुई है. प्राथमिक आय खाते पर शुद्ध व्यय, जो मुख्य रूप से निवेश आय के भुगतान को दर्शाता है, 2023-24 की इसी तिमाही के 14.8 बिलियन डॉलर से घटकर 2024-25 की चौथी तिमाही में 11.9 बिलियन डॉलर हो गया.

व्यक्तिगत हस्तांतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में कार्यरत भारतीयों द्वारा प्रेषित धन का प्रतिनिधित्व करती हैं, 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में बढ़कर 33.9 बिलियन डॉलर हो गई, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 31.3 बिलियन डॉलर थी.

वित्तीय खाते में, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने जनवरी-मार्च में 0.4 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया, जबकि 2023-24 की इसी अवधि में 2.3 बिलियन डॉलर का प्रवाह था.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) ने चौथी तिमाही में 5.9 बिलियन डॉलर का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 11.4 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह था. आरबीआई के बयान के अनुसार, भारत में बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के तहत शुद्ध प्रवाह 2024-25 की चौथी तिमाही में 7.4 बिलियन डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.6 बिलियन डॉलर था.

2024-25 की चौथी तिमाही में गैर-निवासी जमा (एनआरआई जमा) में 2.8 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया, जो एक साल पहले 5.4 बिलियन डॉलर से कम है.

2024-25 की चौथी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (बीओपी आधार पर) में 8.8 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि 2023-24 की चौथी तिमाही में 30.8 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई थी.

2024-25 के दौरान एफडीआई के तहत 1.0 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह 2023-24 के दौरान 10.2 बिलियन डॉलर से कम था. आरबीआई के बयान में कहा गया है कि एफपीआई ने वर्ष के दौरान 3.6 बिलियन डॉलर का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया, जो एक साल पहले 44.1 बिलियन डॉलर से कम है.

जीकेटी/

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