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सिंदूर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान को आरएलडी नेता ने बताया 'शर्मनाक'

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मुंबई, 4 जून . राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता मलूक नागर ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के उस बयान को शर्मनाक बताया है, जिसमें उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भाजपा घर-घर जाकर सिंदूर बांटेगी, क्या आप मोदी के नाम का सिंदूर लगाएंगे? क्या यह ‘एक राष्ट्र, एक पति’ योजना है.

समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान आरएलडी नेता मलूक नागर ने कहा कि भगवंत मान मेरे साथी सांसद थे और संसद में मेरे साथ बैठते थे. वे अक्सर शराब के नशे में सत्र में भाग लेते थे. एक बार उन्हें दंडित भी किया गया और निलंबित भी किया गया, लेकिन फिर भी वे नहीं रुके. वे अक्सर सीमा लांघते थे. सवाल उठता है कि क्या उन्होंने यह हालिया बयान नशे में दिया है. देश की सभी बेटियों और बहनों को किसी की पत्नी बनाने वाली उनकी टिप्पणी अपमानजनक और बेहद अपमानजनक है. कोई भी व्यक्ति सिंदूर अपनी पत्नी की मांग पर भरता है. दूसरी महिला के साथ वो नहीं बांट सकता है. भारतीय संस्कृति के हिसाब से भगवंत मान नीचे स्तर पर जाकर ऐसी शर्मनाक बयान दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की तरक्की विपक्ष के लोग पचा नहीं पा रहे हैं. भगवंत मान शराब के नशे में बौखला गए हैं. देश सब देख रहा है, उन्हें शर्म आनी चाहिए और माफी मांगनी चाहिए.

क्लासरूम निर्माण घोटाला मामले में ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को एसीबी द्वारा जारी समन पर आरएलडी नेता मलूक नागर ने कहा कि यह देश संविधान और उसके तहत संसद को दी गई शक्तियों से चलता है. सांसद होने के नाते हमने उसी के अनुसार कानून बनाए हैं. अगर कोई भ्रष्टाचार में लिप्त है तो उसे कानूनी कार्रवाई और जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ेगा. इस मामले में हम हजारों करोड़ के कथित घोटाले की बात कर रहे हैं, इसलिए निश्चित रूप से नोटिस और समन जारी किए जाएंगे और जवाब देने होंगे. ऑडिट रिपोर्ट में चिह्नित ऐसी किसी भी अनियमितता की जांच करना एजेंसियों की जिम्मेदारी है. कानून सबके लिए बराबर है. जो घोटाला करेगा उससे हिसाब तो लिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जिन जिन लोगों को भ्रष्ट कहा था, उनके सबके साथ राजनीति का तालमेल बिठाकर काम किया. उन्होंने बच्चों की कसम खाई थी कि कभी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन, कसम टूटी और कांग्रेस के साथ गए. केजरीवाल की स्थिति यह है कि वह दिल्ली का विधानसभा चुनाव भी हार गए.

डीकेएम/एएस

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