New Delhi, 4 सितंबर . स्वतंत्र भारत की विकास योजनाओं के अंतर्गत मानव संसाधन को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नीति आयोग द्वारा एडीपी/एबीपी ब्रेन हेल्थ इनिशिएटिव की शुरुआत की गई है. इस बात की जानकारी नीति आयोग ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल के जरिए दी है.
इस पहल का औपचारिक शुभारंभ नीति आयोग में किया गया और यह सबसे पहले देश के 12 अस्पिरेशनल जिलों में पायलट स्तर पर लागू की जाएगी. इस कार्यक्रम की देखरेख नेशनल टास्क फोर्स ऑन ब्रेन हेल्थ द्वारा की जाएगी.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने इस अभिनव इनिशिएटिव का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम कुछ महत्वपूर्ण की शुरुआत का ‘इंजेक्शन पॉइंट’ है. उन्होंने बताया कि विकसित भारत की दृष्टि के अनुसार, मजबूत स्वास्थ्य ढांचा निर्माण भारत की जनशक्ति को पूर्ण रूप से उपयोग में लाने की कुंजी है.
उन्होंने यह भी कहा कि पहले जहां स्वास्थ्य योजनाएं संक्रामक रोगों पर ज्यादा केंद्रित थीं, अब गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और यही आवश्यक परिवर्तन एडीपी/एबीपी ब्रेन हेल्थ इनिशिएटिव द्वारा संभव होगा.
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने अपने विशेष संबोधन में आयोग के तहत लागू विभिन्न विशेष पहलों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि देशवासियों की अच्छी जीवन गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए मजबूत चिकित्सा प्रणाली की आवश्यकता अनिवार्य है.
आईएसबीएएस के निदेशक और नेशनल टास्क फोर्स ऑन ब्रेन हेल्थ के अध्यक्ष डॉ. राजिंदर के. धमीजा ने बताया कि दुनिया में हर तीन में से एक व्यक्ति ब्रेन-रिलेटेड बीमारियों (मस्तिष्क संबंधी रोगों) से प्रभावित है. यह आंकड़ा इस पहल की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है.
एडीपी/एबीपी, नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक रोहित कुमार ने अपनी बात में इस पहल का विस्तृत अवलोकन दिया. उन्होंने बताया कि कैसे अस्पिरेशनल जिलों को इस पहल में शामिल कर जागरूकता, रोकथाम एवं समेकित कार्रवाई के माध्यम से ब्रेन हेल्थ को सुदृढ़ करने के लिए प्रयास किए जाएंगे.
इस पहल के माध्यम से ब्रेन स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई मिसाल कायम करने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया है.
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वीकेयू/डीकेपी
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