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शिवराज सिंह चौहान ने दिया कृषि संस्थानों में रिक्त पदों को भरने का निर्देश, छात्रों से किया संवाद

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New Delhi, 27 अक्टूबर . केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Monday को राष्ट्रीय कृषि छात्र सम्मेलन में कृषि शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त कमियों को दूर करने और इसकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए.

पूसा, दिल्ली में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से बड़ी संख्या में कृषि छात्र-छात्राएं शामिल हुए. उन्होंने Union Minister के साथ संवाद किया.

Union Minister शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि शिक्षा से जुड़े संस्थानों में कई शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पद लंबे समय से खाली पड़े हैं. उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक को तत्काल प्रभाव से सभी रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए.

उन्होंने यह भी घोषणा की कि सुचारू कृषि शिक्षा सुनिश्चित करने और राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में खाली पदों को शीघ्र भरने के लिए वे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखेंगे और वहां के कृषि मंत्रियों से भी चर्चा करेंगे, जिससे “कृषि के छात्र-छात्राओं के भविष्य से किसी भी कीमत पर खिलवाड़ नहीं होना चाहिए.”

Union Minister ने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के मार्गदर्शन में नई शिक्षा नीति के अनुरूप देश में कृषि की भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना बहुत आवश्यक है. उन्होंने आईसीएआर को निर्देश दिया कि कमियों को दूर करने के लिए कृषि विद्यार्थियों की एक टीम बनाकर उनके रचनात्मक सुझाव लिए जाएं.

शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की ग्रेडिंग के साथ-साथ उनमें ‘स्वस्थ प्रतिस्पर्धा’ को बढ़ावा देने पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि वे दुनिया में हो रहे बेहतर प्रयोगों का अध्ययन करें और उन्हें देश में लागू करने के उपाय सुनिश्चित करें. सम्मेलन के दौरान कृषि छात्रों ने अपने अनुभव और समस्याएं साझा कीं, जिस पर Union Minister ने गंभीरता से ध्यान दिया और उन्हें समुचित समाधान का आश्वासन दिया.

उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें वर्ष में कम से कम एक बार किसानों के खेतों पर जाना चाहिए ताकि उन्हें व्यावहारिक ज्ञान मिल सके और वे किसानों की समस्याओं का समाधान सोच सकें और खेती और गांव के विकास से पलायन रुकेगा, जो कि देशसेवा है.

उन्होंने कहा कि विकसित और आत्मनिर्भर India का सपना खेती के विकास के बिना पूरा नहीं हो सकता और इसमें कृषि विद्यार्थियों का योगदान महत्वपूर्ण है. मौजूदा Government किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है.

एसएके/वीसी

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