वाशिम, 24 जून . एआईएमआईएम पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने कहा है कि केंद्र सरकार को ईरान-इजरायल युद्ध के साथ ही इजरायल के गाजा पर किए जा रहे हमलों पर भी बोलना चाहिए.
इम्तियाज जलील ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ईरान और इजराइल के बीच जंग के दौरान केंद्र सरकार ने शांति की अपील की. सरकार को गाजा के अंदर जब मुसलमानों का कत्ले-आम हो रहा था. मुस्लिम बच्चों को बेघर कर दिया गया. उस समय बोलना चाहिए था. फिलिस्तीन में जब मुसलमानों का कत्लेआम हो रहा था, तब, भी उन्होंने इसकी आलोचना नहीं की थी.
उन्होंने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री और अमेरिका के राष्ट्रपति एक-दूसरे के साथ मिल रहे हैं. इससे भारत सरकार परेशान है और शांति की अपील कर रही है. शांति किसी भी विशेष जगह नहीं, बल्कि हर जगह होनी चाहिए.
अबू आजमी पर इम्तियाज जलील ने कहा कि अगर विवादित टिप्पणी देकर माफी मांगनी है तो अपने मुंह पर ताला लगाएं. कुछ भी बोलना ठीक नहीं है.
अबू आजमी ने हाल ही में कहा था कि हिंदू भी सड़क पर त्योहार मनाते हैं. हमें भी दिक्कत होती है. लेकिन, हम कभी शिकायत नहीं करते. इस बयान पर विवाद बढ़ गया, जिसके बाद अबू आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी करके माफी मांग ली है.
उन्होंने लिखा, “हाल ही में सोलापुर में मेरे द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर जो गलतफहमियां फैली हैं, मैं उन्हें स्पष्ट करना चाहता हूं. मेरे वक्तव्य को तोड़-मरोड़ कर और दुर्भावनापूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया गया. यदि इससे वारकरी सम्प्रदाय की धार्मिक भावना आहत हुई हो, तो मैं अपने शब्द पूरी तरह से वापस लेता हूं और क्षमा चाहता हूं.”
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पीएके/एबीएम
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