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पीएम मोदी 11 अक्टूबर को 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' की करेंगे शुरुआत

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New Delhi, 9 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi 11 अक्टूबर 2025 को पूसा, दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में महत्वाकांक्षी ‘Prime Minister धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ की शुरुआत करेंगे. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Thursday को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. शिवराज सिंह ने बताया कि Prime Minister कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास भी करेंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में जाने से पहले Prime Minister Narendra Modi प्राकृतिक खेती, दलहन मिशन, धन-धान्य योजना के अंतर्गत आने वाले विभिन्न किसानों से अलग-अलग संवाद पूसा के खुले क्षेत्र में खेतों के बीच करेंगे. Prime Minister के इस कार्यक्रम से 731 कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर के 113 संस्थान, मंडियां, किसान समृद्धि केंद्र, पंचायतें भी जुड़ेगी, जहां पर कार्यक्रम होगा, साथ ही ब्लॉक और जिलों में भी कार्यक्रम होंगे, इनके अलावा हर राज्य का एक प्रमुख कार्यक्रम होगा, इन सबसे लगभग 1 करोड़ किसान सीधे कहीं न कहीं से जुड़कर Prime Minister से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और लगभग सवा करोड़ किसान भाई-बहन ऑनलाइन भी जुड़ेंगे.

शिवराज सिंह ने कहा कि ये दो नई प्रमुख योजनाएं आत्मनिर्भरता और उत्पादकता बढ़ाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, जिनका Prime Minister शुभारंभ करने वाले हैं .Union Minister ने कहा कि Prime Minister मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में कृषि और किसान कल्याण के प्रमुख लक्ष्यों; देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना, पोषणयुक्त अनाज उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता से काम किया जा रहा है. Government खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने को लेकर तत्परता से काम कर रही है. 2014 से अब-तक खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली, सोयाबीन के उत्पादन में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी हुई है. आज गेहूं और चावल में हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं, वहीं 4.39 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है, लेकिन दलहन के मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत है. शिवराज सिंह ने कहा कि आज जब आत्मनिर्भरता बहुत महत्वपूर्ण हो गई है, हमारा देश अब खाद्यान्न के लिए किसी पर निर्भर नहीं रह सकता.

शिवराज सिंह ने कहा कि अभी दालों का उत्पादन 242 लाख टन है, इसे बढ़ाकर 350 लाख टन दलहन का उत्पादन करना है. प्रति हेक्टेयर उत्पादकता हमारी कम है अभी 880 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर (यह औसत है, कई किसान इससे ज़्यादा उत्पादन करते हैं). इस औसत को बढ़ाकर हमें 1130 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर ले जाना है. इसके लिए हमने जो रणनीति बनाई है पहला, अनुसंधान और विकास दालों के ऐसे बीज जिनकी उत्पादकता ज्यादा हो और जो रोग-प्रतिरोधी हों. गेहूं और धान की तुलना में अगर दालों को देखें तो दलहन की फसल ज्यादा सर्दी सहन नहीं कर पाती, अरहर खराब हो जाती है, कीटों का प्रकोप ज़्यादा होता है, इसलिए उच्च उत्पादकता वाली, कीट-प्रतिरोधी और जलवायु-अनुकूल किस्मों का विकास और उन्हें किसानों तक पहुंचाने का काम हमें करना पड़ेगा. India दालों का सबसे बड़ा उत्पादक भी है उपभोक्ता भी है लेकिन बावजूद इसके सबसे ज्यादा दालों का आयात India ही करता है, इसलिए दालों में आत्मनिर्भरता के लिए ‘दलहन मिशन’ की योजना बनाई गई है. इस मिशन के तहत बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य 2030-31 तक दालों के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करना है.

Union Minister शिवराज सिंह ने बताया कि दलहन से जुड़े लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई गई है. उच्च उत्पादकता वाली, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों का विकास करने पर बल दिया जा रहा है. ऐसी किस्में किसानों तक सही समय पर पहुंचे, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. अच्छे बीज किसानों तक ‘मिनी किट्स’ के रूप में पहुंचाए जाएंगे. 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को वितरित किए जाएंगे. 88 लाख नि:शुल्क बीज किट बांटे जाएंगे.

चौहान ने कहा कि दलहन बुवाई वाले क्षेत्रों में ही यदि प्रोसेसिंग का काम हो जाए तो किसानों को उत्पादन के ठीक दाम भी मिलेंगे और प्रोसेसिंग का काम भी वही संपन्न हो जाएगा. 1,000 प्रसंस्करण इकाइयों जिन पर Government 25 लाख रुपए की सब्सिडी देगी, उन्हें भी स्थापित करने का लक्ष्य है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा राज्यों की सहभागिता के साथ पूरा कृषि अमला एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य के तहत काम करेगा.

चौहान ने Prime Minister धन-धान्य कृषि योजना पर जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में हर क्षेत्र की उत्पादकता एक जैसी नहीं है. अलग-अलग फसलों की उत्पादकता अलग-अलग राज्यों में भी अलग है. यहां तक कि एक राज्य में जिलों की उत्पादकता भी विभिन्न है, इसलिए Government ने तय किया है कि कम उत्पादकता वाले जिले छांटे जाएंगे और उनमें उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ विशेष प्रयत्न किए जाएंगे.

Union Minister ने कहा कि कम उत्पादकता वाले जिलों को यदि औसत स्तर पर भी ले आए तो देश के कुल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. जरूरतें भी पूरी होंगी और उन जिलों के किसानों की आय भी बढ़ेगी. फिलहाल ऐसे 100 जिले चयन किए गए हैं, जिन पर केंद्रित होकर काम किया जाएगा और योजना के तहत इन जिलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे. प्रयत्नों में सिंचाई की व्यवस्था में विस्तार, भंडारण की व्यवस्था, दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋणों की सुविधाओं में विस्तार, फसलों में विविधिकरण शामिल हैं. Prime Minister धन-धान्य योजना, आकांक्षी जिलों के लिए बनाए मॉडल पर भी आधारित है. नीति आयोग डैश बोर्ड के माध्यम से निगरानी करेगा.

चौहान ने कहा कि 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर Prime Minister Narendra Modi द्वारा देशभर में कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी रेखांकित किया जाएगा. कार्यक्रम के दौरान Prime Minister कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सहकारी समितियों और तकनीकी नवाचारों वाले किसानों को सम्मानित करेंगे. इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को रेखांकित किया जाएगा, जैसे 10,000 FPOs से जुड़े 50 लाख से अधिक किसान, जिनमें 1,100 ‘करोड़पति एफपीओ’ 1 करोड़ रुपए से अधिक का वार्षिक कारोबार कर रहे हैं. राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अंतर्गत 1 लाख से अधिक किसानों का जैविक प्रमाणीकरण हुआ है, वहीं 10,000 नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कंप्यूटरीकरण और इन्हें जन सेवा केंद्र, Prime Minister किसान समृद्धि केंद्र तथा उर्वरक विक्रेताओं के रूप में परिवर्तन करने का काम महत्वपूर्ण है. 10,000 नई बहुउद्देशीय पीएसीएस के माध्यम से डेयरी और मत्स्य पालन की प्राथमिक सहकारी समितियों स्थापित, साथ ही 4275 ग्रामीण India के बहुउद्देशीय एआई तकनीशियन का प्रमाणन जैसी पहल महत्वपूर्ण है.

डीकेपी/

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