नई दिल्ली, 20 अप्रैल . राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने एनडीए से अलग होने पर कहा कि जब लोकसभा चुनाव में एनडीए की ओर से उनके पांच सांसदों का टिकट काटा गया तो उन्हें बहुत बुरा लगा था.
रविवार को न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम साल 2014 में एनडीए गठबंधन में बड़े भाई राम विलास पासवान के साथ शामिल हुए थे. देश में चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला था. हम लोग बिना किसी स्वार्थ के एनडीए से जुड़े. लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी के पांच सांसदों का टिकट काट दिया गया. जब इस बात की जानकारी मुझे मिली तो बहुत बुरा लगा था. हमारी पार्टी का पूरे देश में संगठन है. देशभर से फोन आने लगे. मैंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. मैंने हमेशा आदर्श के रूप में पीएम मोदी को नेता माना है और आज भी मानता हूं. यही वजह है कि हम लोगों ने लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ रहने का ऐलान किया. हम लोगों ने एनडीए के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार-प्रसार किया.
पीएम मोदी के कार्यक्रमों में हम शामिल हुए. वाराणसी में पीएम मोदी के नामांकन कार्यक्रम में गए. बिहार में पीएम मोदी की रैलियों में हिस्सा लिया. लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत हुई. लेकिन, हमारी पार्टी को दरकिनार किया गया. उन्होंने कहा कि बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष का बयान आया कि गठबंधन में हम पांच पांडव हैं. हमारी पार्टी का कहीं भी नाम नहीं था. दूसरी बात है कि लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए गठबंधन के वरिष्ठ लोगों के द्वारा जो कहा गया उसकी पूर्ति नहीं हुई. मजबूरन 14 अप्रैल को बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर फैसला लिया. पटना में एक मीटिंग बुलाई. जिसमें फैसला लिया गया कि हम एनडीए गठबंधन में अब नहीं रहेंगे.
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी बनाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि मैंने जो फैसला लिया था वह बिल्कुल ठीक था. क्योंकि अपमान सहकर कोई नहीं रहता है. हम लोग स्वाभिमानी व्यक्ति हैं. पुरानी पार्टी में हमारे बड़े भाई अध्यक्ष थे तो कोई झगड़ा नहीं था. लेकिन, उनके जाने के बाद परिवार में भी मनमुटाव हुआ. उन्होंने कहा कि बनारस से एक बाहर का लड़का आया, जिसकी वजह से पार्टी टूटी. चुनाव आयोग के द्वारा पार्टी को दो भागों में बांटा गया. पार्टी टूटने का मुझे गम नहीं है. क्योंकि पार्टी टूटती है तो पार्टी जुड़ती है. लेकिन, जब दिल टूटता है तो दिल नहीं जुड़ता है. उन्होंने इशारों में चिराग पासवान काे कागजी फूल और खुद को ओरिजनिल फूल बताया.
–
डीकेएम/
The post first appeared on .
You may also like
जो समझते हैं महाभारत को झूठ वो देख लें महाभारत को सच साबित करने वाले ये 9 जिन्दा सबूत ∘∘
शनिदेव पर क्यों चढ़ाया जाता है सरसो का तेल..? क्या है इसका वैज्ञानिक और धार्मिक कारण, जानकर हो जायेंगे हैरान ∘∘
हर महीने इतना कमाते हैं बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, हैरान कर देगी कुल संपत्ति ∘∘
शनिवार से मार्गी हुए देव गुरु वृहस्पति, इन राशि के जातकों के लिए खुल गए तरक्की के द्वार…
Horoscope for April 21, 2025: What the Stars Hold for You Today