ब्रुसेल्स, 18 मई . इजरायल जैसे-जैसे गाजा पट्टी पर अपना सैन्य अभियान तेज करता जा रहा है. यूरोपीय नेताओं की चिंता बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में यूरोपीय नेताओं ने इजरायल से “अपनी वर्तमान नीति को बदलने” का आग्रह किया है और मानवीय आधार पर हस्तक्षेप की मांग की है.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर अपनी निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, “गाजा में हो रहे घटनाक्रम से ‘स्तब्ध’ हूं.” इजरायल सरकार से हिंसा को समाप्त करने, नाकाबंदी हटाने और मानवीय सहायता तक सुरक्षित, त्वरित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
कोस्टा ने कहा, “गाजा में जो हो रहा है, वह एक मानवीय त्रासदी है. लोगों को कुचला और सैन्य बल के अधीन किया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय कानून का व्यवस्थित रूप से उल्लंघन किया जा रहा है.” उन्होंने युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की आवश्यकता पर जोर दिया.
नॉर्वे, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जमबर्ग, माल्टा, स्लोवेनिया और स्पेन ने शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान में इसी तरह का रुख अपनाया.
बयान में कहा गया, “गाजा में हमारी आंखों के सामने हो रही मानव निर्मित तबाही के सामने चुप नहीं रहेंगे.” 50,000 से अधिक लोगों की मृत्यु पर प्रकाश डालते हुए, देशों ने चेतावनी दी कि यदि तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया गया तो आने वाले दिनों और सप्ताहों में कई और लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं.
बयान में इजरायल सरकार से “अपनी वर्तमान नीति को तुरंत बदलने”, नाकाबंदी को पूरी तरह से हटाने और गाजा में तेजी से, बिना किसी बाधा के मानवीय पहुंच की अनुमति देने का आह्वान किया गया.
उन्होंने दो-राज्य समाधान और फिलिस्तीनी लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, और शांतिपूर्ण और स्थायी समाधान को आगे बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर और क्षेत्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करने का वचन दिया.
शनिवार को बगदाद में 34वें अरब लीग शिखर सम्मेलन में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने “गाजा में नरसंहार” को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का आह्वान किया.
सांचेज ने कहा कि विश्व नेताओं को “गाजा में नरसंहार को रोकने के लिए इजरायल पर दबाव बढ़ाना चाहिए, खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा हमें दिए गए माध्यमों से.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दो-राज्य समाधान का कार्यान्वयन ही शांति का एकमात्र रास्ता है.
इटली की विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी ने भी इजरायल की कार्रवाई की आलोचना की. शनिवार को, उन्होंने युद्धविराम और दो-राज्य समाधान के लिए इटली की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने कहा, “अब युद्ध समाप्त करने का समय आ गया है, आबादी थक चुकी है, वे अब लगातार हमलों का विरोध नहीं कर सकते हैं.”
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पीएके/केआर
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