मुंबई, 27 जून . कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ लगातार बीएमसी के अधीन अस्पतालों का दौरा कर रही हैं और मरीजों को होने वाली परेशानियों को प्रमुखता से उठा रही हैं. उन्होंने शुक्रवार को राजावाड़ी अस्पताल का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने कहा कि यहां पर कई खामियां पाई गई हैं. अधिकारियों को कभी अस्पताल का दौरा करना चाहिए और यहां पर जो अव्यवस्था फैली हुई है, उसमें सुधार करना चाहिए.
कांग्रेस सांसद ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह लगातार बीएमसी के अस्पतालों का दौरा कर रही हैं. राजावाड़ी अस्पताल में 30 प्रतिशत पद रिक्त हैं. डॉक्टरों के मेडिकल हॉस्टल में सुविधाएं नहीं है. हॉस्टल में पंखा नहीं है और लिफ्ट भी काम नहीं कर रहा है. कांग्रेस सांसद ने अस्पताल में निजी लोगों को टेंडर दिए जाने पर भी सवाल उठाए. हाल ही में एक कंपनी को टेंडर दिए जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बेड की संख्या 400 से अधिक है, लेकिन आईसीयू में बेड की संख्या सिर्फ 11 है. हार्ट अटैक के मरीजों के लिए व्यवस्था पर्याप्त नहीं है.
हिंदी भाषा विवाद पर कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि हमने संसद में भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है और सवाल किया है कि कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया तो हमने केंद्र के फैसले का स्वागत किया. लेकिन, हम पर हिन्दी जबरन थोपी जा रही है, जो हम स्वीकार नहीं करेंगे. महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री को भी थोड़ा इस पर होमवर्क करने की जरूरत है.
कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मुंबई महानगरपालिका ने उपनगरीय अस्पतालों की हालत सचमुच दयनीय बना दी है. आज जब मैंने राजावाड़ी अस्पताल का दौरा किया तो यह स्पष्ट था कि वहां न तो मरीजों के लिए समुचित सुविधाएं हैं, न ही दवाइयां, न ही पर्याप्त स्टाफ, न ही पानी, लिफ्ट या पंखे जैसी बुनियादी सुविधाएं हैं. इससे पहले मैंने कुर्ला और बांद्रा के उपनगरीय अस्पतालों का दौरा किया था. वहां भी मैंने यही स्थिति देखी. सुविधाएं खराब हैं और डॉक्टरों की संख्या भी बहुत कम है.
उन्होंने कहा कि राजावाड़ी अस्पताल के पुनर्विकास के लिए 455 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया गया है. उस टेंडर में भी कीमत 10-20 प्रतिशत अधिक दिखाई गई है. इसका मतलब है कि हर मामले में भ्रष्टाचार है. लेकिन मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है. आखिर महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग का करोड़ों रुपए का फंड कहां जाता है. मेरी दृढ़ मांग है कि राजावाड़ी अस्पताल की नई इमारत के लिए यह संदिग्ध टेंडर तुरंत रद्द किया जाए और एक नई पारदर्शी प्रक्रिया लागू की जाए. इसके साथ ही महानगरपालिका को उपनगरों के सभी अस्पतालों में रिक्त पदों को तुरंत भरना चाहिए और मरीजों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं तुरंत शुरू करनी चाहिए, ताकि मुंबई के लोगों को परेशानी न उठानी पड़े.“
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डीकेएम/एकेजे