बीजिंग, 25 अगस्त . द्वितीय विश्व युद्ध के 80 साल बाद, मानवता एक बार फिर दोराहे पर खड़ी है : एकता या विभाजन, संवाद या टकराव, जीत-जीत या शून्य-योग.
दुनिया भर के 40 देशों के 11,913 उत्तरदाताओं के बीच सीजीटीएन द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि द्वितीय विश्व युद्ध की जीत के परिणामों और युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखने पर व्यापक सहमति बन गई है.
संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा समर्थित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए.
सर्वेक्षण से पता चलता है कि 62.1 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं का मानना है कि द्वितीय विश्व युद्ध के विजयी परिणामों को संरक्षित रखना युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. सर्वेक्षण में शामिल 40 में से 39 देशों के अधिकांश उत्तरदाताओं ने इस विचार को साझा किया.
इसके अतिरिक्त, 67.9 प्रतिशत उत्तरदाता इस बात से सहमत हैं कि संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था युद्धोत्तर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का मूल है और सर्वेक्षण में शामिल सभी 40 देशों के उत्तरदाताओं ने इस विचार का सर्वसम्मति से समर्थन किया. जी7 देशों में, इन दोनों प्रस्तावों के लिए क्रमशः 52.5 प्रतिशत और 62.8 प्रतिशत समर्थन है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एबीएम/
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