मिदनापुर, 20 अप्रैल . मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक पत्र के जरिए लोगों से शांति की अपील की है. सीएम ममता बनर्जी के ‘पत्र’ पर टीएमसी विधायक सुजॉय हाजरा ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि बंगाल में भाजपा का उद्देश्य अशांति पैदा करना है.
ममता बनर्जी ने पत्र के जरिए भाजपा और आरएसएस पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया. टीएमसी विधायक सुजॉय हाजरा ने ममता बनर्जी के आरोपों को सही ठहराया. उन्होंने से बात करते हुए कहा, “यह बिल्कुल सही है, क्योंकि यह सिर्फ मुख्यमंत्री द्वारा नहीं कहा जा रहा है, बल्कि हम शुरू से ही इस बात को बोल रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और कुछ बाहरी लोग केवल एक ही एजेंडे के साथ आ रहे हैं. चूंकि वे यहां सत्ता हासिल नहीं कर पाए हैं, इसलिए उनका उद्देश्य अशांति पैदा करना है. कई चुनावों के बावजूद जनता ने भाजपा का समर्थन नहीं किया है.”
उन्होंने आगे कहा, “साल 2021 में भाजपा ने दावा किया कि वे 200 से अधिक सीटें जीतेंगे, लेकिन बंगाल के लोगों ने उन्हें 100 से कम पर रोक दिया. लोकसभा चुनाव 2024 में उन्होंने नारा दिया था कि अबकी बार 35 पार. मगर, बंगाल की जनता ने फिर से उन्हें नकार दिया. यहां की जनता ने भी माना कि पीएम मोदी जो काम कर रहे हैं, वह पूरे देश की नजर में बहुत खराब है. इसलिए उन्हें बंगाल में सपोर्ट नहीं मिला है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आज की तारीख में अगर बंगाल में चुनाव होगा तो भाजपा को 10 सीट भी नहीं मिलेगी. इस वजह से उनका (भाजपा) आईटी सेल मुर्शिदाबाद में बांग्लादेश और बाहर से कुछ लोगों को लाया है. हाल ही में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 150 से अधिक हिंदी भाषी हैं. वे चाहते हैं कि यहां की संस्कृति को खत्म कर दिया जाए.”
भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती की बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर सुजॉय हाजरा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, “मिथुन चक्रवर्ती कौन हैं? वह बाहरी व्यक्ति हैं. मिथुन चक्रवर्ती अब तक कितनी पार्टियों में शामिल हुए हैं? पहले वह सीपीआई(एम), फिर तृणमूल और अब भाजपा में शामिल हुए हैं. वह भाजपा में इसलिए शामिल हुए, क्योंकि उनके बेटे के खिलाफ बलात्कार का मामला है और उन्हें उस स्थिति से बाहर निकलने के लिए भाजपा में शामिल होना पड़ा. आज के समय में बंगाल उनके साथ नहीं है.”
सीपीएम की रैली पर टीएमसी विधायक सुजॉय हाजरा ने कहा, “सीपीएम कई सालों से प्रयास कर रही है, लेकिन चुनाव के दौरान सारा वोट कहां जाता है? लोग देख रहे हैं कि कम्युनिस्ट कैसे प्रचार करते हैं, लेकिन वोट अंततः कहीं और शिफ्ट हो रहे हैं. वामपंथी वोटों को डायवर्ट किया जा रहा है.”
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