Mumbai , 14 अगस्त . फिल्म ‘शोले’ के 50 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस मौके पर अभिनेत्री हेमा मालिनी ने बताया कि उन्होंने सॉन्ग ‘जब तक है जान’ के लिए कोई तैयारी नहीं की थी.
अभिनेत्री ने फिल्म के 50 साल पूरे होने से पहले से बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि ‘जब तक है जान’ गाने में डांस से ज्यादा अभिनय की जरूरत थी.
उन्होंने कहा, “मैंने इस गाने में डांस के लिए कोई भी रिहर्सल नहीं की थी; यह गाना अभिनय और डांस का एक मिश्रण था. हमें जो कुछ भी करना था, वो कैमरे के सामने ही करना था. सब कुछ डायरेक्टर के प्लान और सीन की जरूरत के हिसाब से होता था. ऐसा करना मुश्किल नहीं था, लेकिन इसे शूट करने में कम से कम 15 दिन लगे थे.”
अभिनेत्री ने यह भी बताया कि उन्हें फिल्म ‘शोले’ का ऑफर कैसे मिला था. उन्होंने बताया, “पहले जब हम फिल्म साइन करते थे, तो निर्देशक आकर कहानी सुनाते थे और अगर कहानी पसंद आती थी, तो फिल्म किया करते थे और अगर नहीं पसंद आती थी, तो मना कर देते थे. जब मेरे पास ‘शोले’ का ऑफर आया था, तो उस वक्त मैं निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म ‘सीता और गीता’ की शूटिंग कर रही थी, उन्होंने ही मुझसे कहा था कि फिल्म शोले में बहुत सारे किरदार हैं और आप भी उनमें से एक हैं. तो ये सुनकर मुझे बुरा लगा, मैंने सोचा, मेरे लिए इतना छोटा-सा रोल क्यों? बड़ा रोल क्यों नहीं?
अभिनेत्री ने बताया कि निर्देशक रमेश सिप्पी ने उनसे ये रोल करने के लिए गुजारिश की थी और कहा था कि भले ही इस फिल्म में उनका रोल छोटा है लेकिन प्रभावशाली रहेगा.
अभिनेत्री ने आगे बताया, “मुझे निर्देशन पर पूरा भरोसा था, इसलिए मैंने ये रोल करने के लिए स्वीकार कर लिया था. शूटिंग के पहले दिन उन्होंने मुझे बताया था कि यह किरदार मेरे पिछले किरदारों से थोड़ा अलग है, तो मैंने उनसे पूछा, ‘क्या यह सीता और गीता की तरह ही है?’ तो उन्होंने बताया, ‘नहीं, वह अलग था, अलग है, लेकिन कुछ मिलता-जुलता है.’ फिर उन्होंने मुझे बताया था कि मुझे लंबे-लंबे डायलॉग बोलने होंगे. मेरे किरदार की खूबसूरती यही थी कि वह दर्शकों को खूब हंसाकर रखेगा.”
‘शोले’ Friday को रिलीज के 50 साल पूरे करने जा रहा है. यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है.
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एनएस/डीएससी
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