Next Story
Newszop

टैरिफ की आशंकाओं के बीच बाजार में गिरावट, पहली तिमाही के नतीजों से सेंटीमेंट में सुधार की उम्मीद

Send Push

Mumbai , 12 जुलाई . विश्लेषकों ने Saturday को कहा कि ग्लोबल टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और आय सत्र की निराशाजनक शुरुआत के दबाव में, सप्ताह के दौरान बाजार में एक प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई.

हालांकि पहले तीन सत्रों में बाजार का रुख काफी हद तक स्थिर रहा, लेकिन अंतिम सत्रों में मुनाफावसूली की वजह से सूचकांक लाल निशान में आ गए.

अंततः, निफ्टी और सेंसेक्स दोनों अपने साप्ताहिक निचले स्तर क्रमशः 25,149.85 और 82,500.47 के आसपास बंद हुए.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और अन्य प्रमुख साझेदारों पर नए टैरिफ की धमकियों के बाद बढ़े वैश्विक व्यापार तनाव के बीच सेंटीमेंट कमजोर हुआ.

उन्होंने कहा, “हालांकि, अमेरिका और भारत के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते की उम्मीदें थीं, लेकिन स्पष्टता की कमी ने जोखिम उठाने की क्षमता को नियंत्रित रखा. इसके अलावा, पहली तिमाही के आय सत्र की कमजोर शुरुआत खासकर आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी टीसीएस के उम्मीद से कमतर नतीजों के बाद अंतिम सत्र में बाजारों पर दबाव बढ़ा दिया.”

शहरी मांग में सुधार और मार्जिन में सुधार के संकेतों से, एफएमसीजी और विवेकाधीन शेयरों जैसे कंजप्शन-ऑरिएंटेड सेक्टर में चुनिंदा खरीदारी देखी गई.

मुद्रास्फीति में कमी, ब्याज दरों में गिरावट और अनुकूल मानसून ने समग्र सकारात्मक रुख को बढ़ावा दिया.

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “मौजूदा प्रीमियम वैल्यूएशन को बनाए रखने के लिए कैटेलिस्ट की कमी और एक प्रमुख आईटी कंपनी के निराशाजनक परिणामों के कारण व्यापक सूचकांक नकारात्मक क्षेत्र में फिसल गए, जिससे वित्त वर्ष 2026 के आय अनुमानों को लेकर चिंताएं बढ़ गईं.”

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के नतीजे के जारी होने के साथ, निवेशक मार्जिन और क्षेत्र की गतिशीलता पर मार्गदर्शन की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.

आगे देखते हुए, आय सत्र पर पूरा ध्यान केंद्रित होगा. व्यस्त कैलेंडर में एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, विप्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, एलएंडटी फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक सहित अन्य कंपनियों के परिणाम शामिल हैं.

मैक्रोइकोनॉमिक फ्रंट पर, पार्टिसिपेंट्स अर्थव्यवस्था पर आगे के संकेतों के लिए 14 जुलाई को निर्धारित थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर बारीकी से नजर रखेंगे. बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि इसके अलावा, एफआईआई निवेश का रुझान और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी व्यापारियों की नजर में रहेंगे.

वैश्विक स्तर पर, बाजार व्यापार वार्ता और टैरिफ से संबंधित किसी भी अपडेट के साथ-साथ अमेरिकी मुद्रास्फीति और अन्य प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर भी नजर रखेंगे.

मिश्रा ने कहा, “हालिया गिरावट के बाद, हम निकट भविष्य में निफ्टी सूचकांक में नकारात्मक रुझान के साथ एक कंसोलिडेशन फेज की उम्मीद करते हैं. वैश्विक अनिश्चितताओं और उभरते हुए आय सत्र के बीच अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है. ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे स्टॉक-स्पेसिफिक अप्रोच बनाए रखें .”

एसकेटी/

The post टैरिफ की आशंकाओं के बीच बाजार में गिरावट, पहली तिमाही के नतीजों से सेंटीमेंट में सुधार की उम्मीद first appeared on indias news.

Loving Newspoint? Download the app now