शर्म अल-शेख, 14 अक्टूबर . हाल ही में गाजा में युद्धविराम समझौते को लेकर एक अहम दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस दस्तावेज़ पर चार देशों के मध्यस्थों ने साइन किए. इनमें मिस्र के President अब्देल फतह अल-सीसी, अमेरिका के President डोनाल्ड ट्रंप, तुर्की के President रेसेप तैयप एर्दोगन और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल शामिल थे. हालांकि, इसमें न तो इजरायल और न ही हमास के प्रतिनिधि मौजूद थे.
यह समझौता मिस्र और अमेरिका की संयुक्त अध्यक्षता में शर्म अल-शेख में हुए शांति सम्मेलन में हुआ, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और कई अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए.
शिखर सम्मेलन में अपने भाषण में सीसी ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण और निर्णायक ऐतिहासिक मोड़ पर शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन में आप सभी का स्वागत करता हूं, जहां हम सब मिलकर गाजा में युद्ध को समाप्त करने के लिए शर्म अल-शेख समझौते पर हस्ताक्षर होते हुए देखे हैं.”
सीसी ने कहा कि इस युद्धविराम योजना को पूरी तरह लागू किया जाना चाहिए ताकि दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में ठोस कदम बढ़ सकें. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य गाजा युद्ध समाप्त करने के लिए हुए शर्म अल-शेख समझौते को मजबूती देना था.
मिस्र के President कार्यालय के अनुसार, यह समझौता 9 अक्टूबर को मिस्र, अमेरिका, कतर और तुर्की की मध्यस्थता से हुआ था. इसमें सभी देशों ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि युद्धविराम कायम रखा जा सके, बंधकों की अदला-बदली पूरी हो, इजरायली सेनाएं पीछे हटें और मानवीय सहायता गाजा पट्टी तक पहुंच सके.
योजना के पहले चरण में इजरायली सैनिकों का गाजा सिटी, रफा, खान यूनुस और उत्तर क्षेत्र से हटना, कैदियों और बंधकों की अदला-बदली और पांच राहत चौकियों का खुलना शामिल है.
Monday को हमास ने जानकारी दी कि उसने बचे हुए 20 जीवित बंधकों को रिहा कर दिया है, जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिण इजरायल पर हमले के दौरान पकड़ा गया था. इस बीच, इजरायली अधिकारियों ने अदला-बदली समझौते के तहत लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करना शुरू कर दिया है.
गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों और खाद्य विशेषज्ञों के अनुसार, दो साल से ज़्यादा समय से चल रहे इजरायली सैन्य अभियानों ने गाजा को तबाह कर दिया है, जिसमें 67,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और अकाल की स्थिति पैदा हो गई है.
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