New Delhi, 7 अक्टूबर . वरिष्ठ कांग्रेस नेता उदित राज ने Tuesday को Supreme court के अंदर India के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई के अपमान के लिए ‘सनातनियों’ को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि ऐसी घटनाओं के पीछे सनातन विचारधारा का बढ़ता प्रभाव है.
यह घटना Monday को हुई जब वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश किशोर ने कथित तौर पर मुख्य न्यायाधीश गवई की अध्यक्षता वाली पीठ पर कोई वस्तु फेंककर अदालत की कार्यवाही बाधित करने की कोशिश की.
सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उन्हें अदालत कक्ष से बाहर ले गए. जब उन्हें ले जाया जा रहा था, तो किशोर ने सनातन धर्म की रक्षा में नारे लगाए.
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए उदित राज ने से कहा, “नेतृत्व का अपना प्रभाव होता है. दिन-रात टीवी पर सिर्फ ‘सनातन’ की बातें होती रहती हैं. इसलिए, इसका असर जरूर पड़ेगा. गोडसे भी सनातनी थे. हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले भी सनातनी हैं. गौरी लंकेश की हत्या करने वाले भी सनातनी थे. यहां तक कि मुख्य न्यायाधीश गवई का अपमान करने वाला वकील भी सनातनी था. यहां सनातनियों की एक सूची है.”
कांग्रेस नेता ने India और Pakistan की तुलना करते हुए कहा कि अगर आजादी के बाद धार्मिक हस्तियों ने शासन में हस्तक्षेप किया होता, तो India की स्थिति पड़ोसी देश से भी बदतर होती.
उन्होंने कहा, “अगर आजादी के बाद ‘बाबाओं’ ने शासन में दखल दिया होता, तो India की हालत Pakistan से भी बदतर होती. कम से कम Pakistan में एक धर्म तो है जो उसके देश को एक सूत्र में बांधता है. यहां अगर ‘बाबाओं’ ने सत्ता संभाली होती, तो सब कुछ बर्बाद हो जाता. रायबरेली में दलित युवक की हत्या भी ‘बाबाओं’ के गुंडों ने की थी.”
उत्तराखंड के Governor ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे सभी मदरसों के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड से संबद्ध होना अनिवार्य हो गया है. इस पर कांग्रेस नेता उदित राज कहते हैं, “मौलिक अधिकारों, शिक्षा के अधिकारों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों, उनकी स्वतंत्रता और संस्थाओं का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की जानी चाहिए. सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए.”
उदित राज ने आम आदमी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह नटवर लाल हैं. अंबेडकर की फोटो और झाड़ू दिखाकर दलितों का सारा वोट ले लिया और 15 राज्यसभा सदस्य अभी तक बनाए हैं, इनमें से एक भी दलित नहीं है. वीआईपी कल्चर का विरोध करने वाला अब खुद ही वीआईपी बन गया है.
उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि माहौल इंडिया गठबंधन के पक्ष में है. एनडीए की Government में प्रदेश का विकास नहीं हो सका. कानून व्यवस्था और रोजगार देने में यह Government विफल रही.
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एएसएच/डीएससी
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