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भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक, व्यापक रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने पर जोर

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New Delhi, 13 अगस्त . भारत और सिंगापुर ने Wednesday को New Delhi में तीसरी मंत्री स्तरीय बैठक (इंडिया-सिंगापुर मिनिस्टीरियल राउंडटेबल – आईएसएमआर) आयोजित की, जिसमें डिजिटलाइजेशन, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग के छह स्तंभों के तहत द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई.

बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया.

सिंगापुर की ओर से उप प्रधानमंत्री गैन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल डेवलपमेंट एवं सूचना मंत्री जोसेफिन टियो, मानव संसाधन मंत्री टैन सी लेंग और परिवहन के कार्यवाहक मंत्री जेफ्री सियाओ शामिल हुए.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सिंगापुर के मंत्रियों का भारत-सिंगापुर व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि आईएसएमआर ने इंडिया-सिंगापुर बिजनेस राउंडटेबल के साथ उपयोगी बातचीत की और कहा कि सरकार और उद्योग के बीच तालमेल द्विपक्षीय संबंधों के अगले चरण को खोलने की कुंजी है.

Tuesday को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने सिंगापुर के मंत्रीस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का New Delhi में स्वागत किया था. उन्होंने कहा कि आईएसएमआर, एक अनूठा तंत्र है, जो भारत-सिंगापुर व्यापक रणनीतिक साझेदारी को निरंतर मजबूत कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर 2024 की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत-सिंगापुर संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया था. साझा इतिहास, भरोसे और आपसी सम्मान पर आधारित मित्रता तथा विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग ने दोनों देशों के रिश्तों को वर्षों में और गहरा व विविधतापूर्ण बनाया है.

आईएसएमआर की परिकल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने की थी. इसकी पहली बैठक सितंबर 2022 में New Delhi में हुई थी, जबकि दूसरी बैठक अगस्त 2024 में सिंगापुर में आयोजित की गई थी.

डीएससी/

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